रिटायरमेंट के दिन नाचते नाचते आ गया मौत का बुलावा और फिर…

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ये दुनिया रंगमंच है और हम सब उसके किरदार। अपने-अपने हिस्से का अभिनय करते-करते कब जिंदगी का पर्दा गिर जाए पता नहीं लगता। मुंबई निवासी विष्णु चंद्र दूधनाथ पांडेय को भी नहीं पता था कि जिस मंच पर वह नाचते-गाते पुरस्कार लेने जा रहे हैं वहीं उनका आखिरी सीन भी लिखा है।

शनिवार रात को एक सितारा होटल में आयोजित रंगारंग कार्यक्रम में विष्णु पांडेय की मौत मंच पर ही दिल का दौरा पड़ने से हो गई।मुंबई के ब्रांद्रा निवासी 53 वर्षीय विष्णु चंद्र दूधनाथ पांडेय ट्रैवल कंपनी में एक्जीक्यूटिव एडमिन थे। वह कंपनी द्वारा आयोजित समारोह में शामिल होने के लिए ताजनगरी आए थे। कंपनी ने शनिवार रात को ताजगंज क्षेत्र स्थित एक सितारा होटल में रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन किया था, जिसमें विभिन्न राज्यों से आए ट्रैवल कंपनी अधिकारियों का सम्मान भी किया जाना था।

डॉक्टरों का कहना था कि मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है

विष्णु पांडेय की साल भर की मेहनत और कंपनी द्वारा दिए गए लक्ष्य को हासिल करने पर उन्हें गोल्ड मैडल के लिए चुना गया। कंपनी द्वारा पुरस्कार की घोषणा करने पर खुशी से नाचते हुए विष्णु चंद्र दूधनाथ पांडेय मंच पर पहुंचे। वहां वह नाचते-नाचते अचानक गिर गए। एकाएक माहौल बदल गया। वहां मौजूद कंपनी के अधिकारी आनन-फानन में तत्काल उन्हें अस्पताल लेकर गए, जहां चिकित्सकों ने उनको मृत घोषित कर दिया।डॉक्टरों का कहना था कि मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है।

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पुलिस ने परिजनों से संपर्क कर घटना की जानकारी दी। परिजनों ने पुलिस से कहा कि पोस्टमार्टम उनके सामने कराया जाए। सीसीटीवी में कैद सांसों के थमने का सिलसिला जिंदगी कहां और किस मोड़ पर आकर खत्म हो जाए, इसे कार्यक्रम की सीसीटीवी कैमरे की फुटेज देखने पर पता चलता है। होटल में आयोजित समारोह में पुरस्कार की घोषणा के बाद खुशी से चहकते एक्जीक्यूटिव एडमिन विष्णु पांडेय के मंच पर नाचते हुए जाने और नाचते-नाचते गिरने का पूरा घटनाक्रम सीसीटीवी में कैद है

जिंदगी का आखिरी सफर इस तरह भी होता है

।स्टाफ ने मौके पर पहुंची पुलिस को फुटेज दिखाए, इसमें साथियों के साथ समारोह में शामिल विष्णु मंच पर नाचते नजर आ रहे हैं। इतनी खुशी और ऐसी मौत कार्यक्रम में शामिल हर शख्स अवाक था। उसे यकीन नहीं हो रहा था कि किसी की जिंदगी का आखिरी सफर इस तरह भी होता है। कुछ पल पहले वह जिस शख्स की खुशी का हिस्सा थे, पलक झपकते ही वह उनसे जुदा हो गया। कुछ पल को लगा कि डांस स्टेप है कार्यक्रम में शामिल लोगों का कहना था कि कुछ क्षण के लिए उनको लगा कि पांडेय जी नाटक तो नहीं कर रहे। क्योंकि वह जिंदादिल इंसान थे। साथियों से अक्सर मजाक किया करते थे। मंच पर गिरने पर लोगों लगा कि यह कोई उनका डांस स्टेप तो नहीं।

दैनिक जागरण

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