क्या कालीन एक्सपो बदलेगा वाराणसी में कालीन बुनकरों की किस्मत?
संपूर्णानंद संस्कृत यूनिवर्सिटी, वाराणसी के खेल मैदान में शुक्रवार से शुरू होना वाला कालीन एक्सपो क्या कालीन के कारोबारियों और बुनकरों की किस्मत बदल पाएगा ? क्या धंधे में आई मंदी को कालीन एक्सपो दूर कर पाएगा ? फिलहाल हर कारीगर को इसी बात का इंतजार है। फिलहाल अभी तक 340 आयातकों ने कालीन एक्सपो के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करवाया है। शुक्रवार से शुरू हो रहे कालीन एक्सपो का उद्घाटन करने के लिए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी वाराणसी पहुंचेंगी।
सज गया कालीन मेला
कालीन निर्यात संवर्धन परिषद की ओर से 38वां कालीन एक्सपो शुक्रवार से सम्पूर्णानन्द विश्वविद्यालय के खेल मैदान में आयोजित होने जा रहा है। यह एक्सपो 14 अक्टूबर तक चलेगा। देश में 38वां और वाराणसी में 15 वीं बार हो रहे इस एक्सपो में अभी तक 340 आयातकों ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया है। इस सम्बन्ध में सीईपीसी अध्यक्ष सिद्धनाथ सिंह ने बताया कि वर्ष में दो बार होने वाले इस कालीन एक्सपो में विदेश से कालीन आयातक आते हैं और वो भारतीय कालीन को पसंद कर इस व्यापार को नए मुकाम पर पहुंचा रहे हैं।
मशीनमेड कालीन बनी चुनौती
सीईपीसी अध्यक्ष सिद्धनाथ सिंह ने प्रेसवार्ता कर कहा कि इस बार के मेले में विभिन्न नये देशों के आयातक भी आ रहे है, जिससे उद्योग को नई दिशा मिलेगी। उन्होंने कहा कि सीईपीसी हस्तनिर्मित कालीनों को लेकर गम्भीर है। विश्व पटल पर मशीनमेड के बढ़ते बाजार जिसका कम लागत व कम समय में अधिक प्रोडेक्शन के बीच हस्तनिर्मित कालीनों जिसका लेबर कास्ट सहित कच्चे माल की अधिक लागत के बीच बनाएं रखना चुनौतियों से भरा है, लेकिन सीईपीसी हैंडमेड कालीनों को लेकर गम्भीर है। इसी को ध्यान में रख कर सीईपीसी नये नये बाजार तलाश कर रही है।
देश के कोने-कोने से पहुंचे हैं कालीन निर्यातक
उन्होंने बताया की हैंडमेड को बढ़ावा देने के लिए हमने कालीन मेले में इस चीज़ को ध्यान में रखते हुए आयातको को आमंत्रित किया गया है। उन्होंने बताया कि अब तक 340 आयातकों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है जबकि 25 से 30 अन्य आयातकों के भी आने की संभावना है। कार्पेट एक्सपो के लिए करोड़ों की लागत से वाटरप्रूफ पंडाल बनने के साथ कालीन नगरी भदोही-मीरजापुर से लेकर दिल्लीा, जयपुर, पानीपत, जम्मू -कश्मीयर तक के कालीन निर्यातक 300 स्टॉतलों को अपने उत्पालदों से सजाने में जुटे हैं।
500 करोड़ से ज्याद के बिजनेस की उम्मीद
पहली बार कजाकिस्ता्न के खरीदार भी इस तरह के एक्सपो में आ रहे हैं। अध्यक्ष सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि इस वर्ष कुछ नये देश स्लोवाकिया, लेबलान, कुवैत, चिल्ली, नाइजेरिया,कतर, ताइवान के आयातक भी आ रहे है। इसके अलावा वर्तमान के 6 आयातक USA से, चाइना से 36 आयातक, ऑस्ट्रेलिया के 18 आयातक, जर्मनी से 20, टर्की से 18 आयातक, रशिया से 15, इजराइल से 3, बेल्जियम व इटली से 10, कनाडा से 12, श्रीलंका से 14 आयातक को विशेष रुप से आमंत्रित किया गया है।
अब तक 230 आयातक ने स्टाल बुक कराया है। मेला 5800 स्क्वायर मीटर में होगा। सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि इस बार आयातक व वीआईपी के लिए अलग अलग व्यवस्था की गयी है। बता दें कि वर्ष 2018 में एक्संपो में 500 करोड़ रुपये से ज्या दा का कारोबार हुआ था।