अम्फान तूफ़ान और क्लाइमेट चेंज का क्या है कनेक्शन?

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महाचक्रवाती तूफ़ान यानि super cyclone अम्फान ने पश्चिम बंगाल और समुद्रों से सटे इलाकों में खूब तबाही मचाई।

इस तूफ़ान के कहर ने कइयों की जान ली और कइयों के घर भी उजाड़े। पश्चिम बंगाल और ओडिशा में रहने वाले लोगों को दोहरी मार पड़ी है एक तरफ कोरोना और दूसरी तरफ ये चक्रवाती अम्फान तूफ़ान।

लिए समझने की कोशिश करते है कि इस चक्रवाती तूफ़ान का क्या कोई कनेक्शन क्लाइमेट चेंज से भी है. पहले आपको बता दे की इसी तरह के तूफ़ान विश्व में अलग-अलग नाम से जाने जाते है, जैसे की अटलांटिक ओसियन, और नॉर्थईस्टर्न पसिफ़िक ओसियन में इसे हरिकेन के नाम से जाना जाता है, वही नार्थ वेस्टर्न पैसिफिक ओसियन में इसे टाइफून के नाम से जाना जाता है, साउथ पैसिफिक और इंडियन ओसियन में इसे Tropical Cyclone के नाम से जाना जाता है.

अब सवाल उठता है कि ये cyclone बनते कैसे है? ठंडी और गर्म हवाएं जब  एक दूसरे से टकराती है तब  गर्म हवा अपने हलके वज़न के कारण ठंडी हवाओं से मिल जाती है. और कभी कदर ऐसा भी होता है जब ठंडी हवा गर्म हवा से स्लाइड कर जाती है, इस प्रोसेस को inversion कहते है. इसी प्रोसेस के दौरान गर्म हवा ऊपर जाना चालू कर देती है और सी सरफेस पे एक लौ प्रेशर एरिया बन जाता है. चुकी हमारी धरती हमेशा घूमती रहती है इसीलिए ठंडी हवा सरफेस पे स्पाइरल शेप में आकर गिरती है.

एयर पोल्लुशन से क्या है कनेक्शन
Cyclones को लेकर कई सवाल उठ रहे और सवालों के कठघरे में एक सवाल ये भी उठता है की क्या बढ़ते एयर पोल्लुशन या फर क्लाइमेट क्राइसिस से क्या इन  चक्रवाती तूफ़ान का कनेक्शन है ? इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेट्रोलॉजी की साइंटिस्ट और क्लाइमेट क्राइसिस की लीडिंग पैनलिस्ट Roxy Mathew Koll का कहना है “बढ़ते तापमान इन भयानक चक्रवाती तूफ़ान के लिए फ्यूल का काम करते है.”

कही-न-कही इसका परिणाम हमें देखने को मिल रहा है, आपको बता दे की हिन्द महासागर यानि बे ऑफ़ बंगाल के ओसियन का सरफेस टेम्प्रेचर मई के महीने में 32-34 डिग्री के बीच में रहा. बढ़ते तापमान की सीधी कड़ी क्लाइमेट क्राइसिस और ग्लोबल वार्मिंग से जोड़ी जा सकती है. हाल के कुछ सालों में धरती का औसत तापमान लगातार बढ़ रहा है और जिसके साथ ओसियन लेवल पर सरफेस tempertaure भी बढ़ रहा है. यही कारण रहा जिसकी वजह से अम्फान cyclone कुछ ही घंटों में सुपर cyclone में तब्दील होगया।
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[bs-quote quote=”इस आर्टिकल के लेखक एक स्‍टूडेंट हैं। जो सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय मुदृदों पर लिखते रहते हैं।” style=”style-13″ align=”center” author_name=”वैभव द्विवेदी” author_job=”स्‍टूडेंट” author_avatar=”https://journalistcafe.com/wp-content/uploads/2020/04/vaibhav.jpg”][/bs-quote]

V.Vinoj जोकि Indian Institute of Technology in Bhubaneswar, के साथ काम करते है उनका भी कहना है कि बढ़ते तापमान इन चक्रवाती तूफ़ान को चार्ज कर सके है और इसकी तीव्रता बढ़ा सकते है, वही ग्लोबल वार्मिंग का हवाला देते हे हुए उन्होंने कहा कि समुद्र में सरफेस temperature बढ़ने के साथ ही वाटर लेवल भी बढ़ रहा है जोकि इसे बहुत ही विकराल रूप दे सकता है.

आपको बता दे कि इस तूफ़ान की तीव्रता की तुलना 1999 में आए सुपर cyclone से की जा रही है.

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