ममता के आगे क्या दिलीप घोष चला पायेंगे अपना चुनावी दांव?

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विगत दिनों पश्चिम बंगाल में आये भयानक तूफान से हुए विनाश को देखने के बाद केंद्र सरकार की भरपूर मदद का वादा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से किया है। आपको बता दें कि विगत दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पश्चिम बंगाल पहुंचे और अम्फान चक्रवाती तूफ़ान से हुई तबाही का जाएज़ा लिया। लेकिन, बावजूद इसके पश्चिम बंगाल की BJP यूनिट कई दिनों से तीखे रूप में तृणमूल सरकार को आड़े-हाथों ले रही है। नरेंद्र मोदी द्वारा किये गए इस वादे के चलते ऐसा भी हो सकता है कि पश्चिम बंगाल के BJP कार्यकर्ता भ्रमित हो जाएं।

दिलीप घोष को लगा झटका-

दिलीप घोष के नेतृत्व वाली राज्य बीजेपी ने ममता पर निशाना साधते हुए अपने जुझारू शख्सियत को खूब निभाया है। साथ ही सरकार पर तमाम लांछन लगाते हुए नीचा दिखाने की कोशिश भी की है। यह भी कहा है कि सरकार प्राकृतिक आपदाओं का इस्तेमाल निजी हित में कर रही है ताकि ममता राजनीति में लम्बे समय तक सत्ता में बनी रहे।
बीजेपी ने सड़कों पर धरना प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री की “विफलता” का हवाला देते हुए उसे आपदा से निपटने में नाकाम बताया।

माजरा कुछ ऐसा था-

दिलीप घोष मिदनापुर सीट से संसद हैं और अम्फान तूफ़ान का जाएज़ा लेने जब घर से निकले तभी उनके काफिले को रोक दिया गया। इससे करीब ढाई घण्टे तक गतिरोध बना रहा। सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि “प्रभावित लोगों को राहत देने में वह विफल रही है।” घोष ने पत्रकारों को बताया कि अब सरकार ने किसी और को काम नहीं करने देने का फैसला लिया है।
इसके पहले मोदी और ममता दोनों ने संयुक्त रूप से तबाही का हवाई निरीक्षण किया था। घोष ने आरोप लगाया कि सरकार लोगों का ध्यान बंटा कर रही है। लेकिन, घोष की ये बाज़ी उनपर ही तब भारी पड़ी जब खुद प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तारीफ कर दी।

दिलीप पर भारी पड़ रही हैं ममता-

तकरार और लगातार ब्लेम-गेम वाले घोष के प्रयास ममता दीदी के सामने कमज़ोर पड़ते दिख रहे हैं. घोष ने सरकार पर कई तरह के आरोप भी लगाए ताकि आने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को फायदा मिल सके. लेकिन जिस तरह राम ने अपने तमाम शत्रुओं को राज धर्म, शक्ति और अपनी प्रजा के प्रत्यय से हरा दिया था, वैसे ही दीदी भी पश्चिम बंगाल की राजनीति में राम के स्वरुप में आकर अपने प्रतिद्वंदियों के सारे हथकंडों को कमज़ोर कर दे रही हैं।

दीदी ने समस्त आरोपों को हवा में उड़ाया-

दीदी ने उनकी सरकार पर लगाए गए सारे आरोपों को नकारते हुए बहुत ही सरल तरीके से शत्रु का तीर उसी की तरफ वापस कर दिया। ममता ने कहा “जो लोग यहां बैठे हैं और इस तरह की छिछली राजनीति कर रहे हैं, मैं उन्हें सलाह दूंगी कि किसी प्राकृतिक आपदा को भुनाने की कोशिश न करें…. अभी सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा देने की कोशिश न करें। यह समय नहीं है। कृपया, यदि आप लोगों को अनावश्यक रूप से भड़काना चाहते हैं, तो अब ऐसा न करें।”

राजनीति चुनाव के लिए रखें-

दीदी ने साथ ही सभी पार्टियों से अपील भी की कि राज्य कोविड-19 की अभूतपूर्ण आपदा से गुज़र रहा है तथा एक और प्राकृतिक आपदा हमें कमज़ोर करने का काम कर सकती है। लोगों से अनुरोध है कि राजनीति चुनाव के समय के लिए रखी जाए और अभी सरकार को राहत-बचाव कार्य करने दिया जाये।

दीदी ने लिया एडवांटेज-

इससे साफ़ है कि इसबार भी पॉलिटकल एडवांटेज की हक़दार दीदी ही हैं, शायद उन्होंने इस एडवांटेज की ख़ुशी कहीं पीछे छुपा ली हो लेकिन वो बखूबी जानती हैं कि मैदान में उनके सामने कोई नहीं खड़ा हो सकता। शायद दीदी को पश्चिम बंगाल में कोई नहीं रोक पाएगा। इसी क्रम में रहीम का एक दोहा भी याद आ रहा है “यसुदा बार-बार यों भाखैं, है कोई ब्रज में हितू हमरो चालत गोपालहिं राखै।”

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[bs-quote quote=”इस आर्टिकल के लेखक एक स्‍टूडेंट हैं। जो सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय मुदृदों पर लिखते रहते हैं।

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