अखिलेश का बड़ा दांव, कहा- घर घर पहुंचे PDA का पर्चा…
यूपी: संसद के शीतकालीन सत्र में अमित शाह के द्वारा दिए गए बयान पर पूरे विपक्ष ने घेराबंदी शुरू कर दी है. इसी बीच समाजवादी पार्टी के मुखिया और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक अलग ही दांव चला है, जो चर्चा का विषय बन गया है.
अखिलेश ने सोशल मीडिया में किया पोस्ट…
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक लंबा-चौड़ा एक पोस्ट शेयर किया है. जिसके उपर लिखा है हो ‘बाबासाहेब’ के मान पर चर्चा अब घर-घर पहुँचे ‘पीडीए का पर्चा’. मतलब साफ है अखिलेश यादव इस पर्चे के जरिए बीआर आबेडकर के विवाद को पीडीए को लोगों तक पहुंचाना चाह रहे हैं.
X पर अखिलेश का पोस्ट…
पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा-हो ‘बाबासाहेब’ के मान पर चर्चा अब घर-घर पहुँचे ‘पीडीए पर्चा’! प्रिय पीडीए समाज, ‘प्रभुत्ववादियों और उनके संगी-साथियों के लिए बाबासाहेब सदैव से एक ऐसे व्यक्तित्व रहे हैं, जिन्होंने संविधान बनाकर शोषणात्मक-नकारात्मक प्रभुत्ववादी सोच पर पाबंदी लगाई थी. इसीलिए ये प्रभुत्ववादी हमेशा से बाबासाहेब के खिलाफ़ रहे हैं और समय-समय पर उनके अपमान के लिए तिरस्कारपूर्ण बयान देते रहे हैं.”
अखिलेश यादव ने आगे लिखा-“प्रभुत्ववादियों और उनके संगी-साथियों ने कभी भी बाबा साहेब के ‘सबकी बराबरी’ के सिद्धांत को स्वीकार नहीं किया क्योंकि ऐसा करने से समाज एक समान भूमि पर बैठा दिखता. जबकि प्रभुत्ववादी और उनके संगी-साथी चाहते थे कि उन जैसे जो सामेती लोग सदियों से सत्ता और धन पर क़ब्ज़ा करके सदैव ऊपर रहे हैं वो हमेशा ऊपर ही रहे और पीडीए समाज के जो लोग शोषित, वंचित, पीड़ित हैं वो सब सामाजिक सोपान पर हमेशा नीचे ही रहें.”
सामाजिक न्याय के सूत्रधार थे बाबा साहेब
अखिलेश ने आगे लिखा-“प्रभुत्ववादियों और उनके संगी-साथी’ सदैव आरक्षण के विरोधी रहे हैं. सदियों की पीड़ा और आरक्षण दोनों ही पीडीए को एकसूल करते हैं, चूंकि बाबा साहेब ‘संविधान’ और ‘सामाजिक न्याय’ के सूत्रधार थे, इसीलिए ऐसे प्रभुत्ववादी नकारात्मक लोगों को बाबा साहेब हमेशा अखरते थे.”
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देश का संविधान और बाबा साहेब का मान व आरक्षण बचाएं
अखिलेश ने लिखा-“धन का सही वितरण भी तभी हो पायेगा, हर हाथ में पैसा आएगा, हर कोई सम्मान के साथ सिर उठाकर जी पायेगा और अपने जीवन में खुशियाँ और खुशहाली को महसूस कर पायेगा. सदियों से पीडीए समाज के जिन चेहरों पर अपमान, उत्पीड़न, दुःख और दर्द रहा है; उन चेहरों पर उज्ज्वल भविष्य की मुस्कान आएगी, और फिर उनके घर परिवार बच्चों के लिए सम्मान से जीने की नई राह खुल जाएगी. तो आइए मिलकर देश का संविधान और बाबासाहेब का मान व आरक्षण बचाएं और अपने सुनहरे, नये भविष्य के लिए एकजुट हो जाएं. आपका अखिलेश”