सूरत से बैंकॉक… 4 घंटे की फ्लाइट, चखना संग यात्री गटक गए जहाज की सारी शराब…
अहमदाबाद: सूरत से बैंकॉक… 4 घंटे की फ्लाइट, एयर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट ने अपनी सीधी उड़ान भरी. पूरी फ्लाइट यात्रियों से भरी हुई थी. इस दौरान यात्रियों ने खूब एंजॉय किया. यात्रियों ने सूरत से बैंकॉक के बीच अपनी यात्रा का अनुभव शेयर किया तो वह देखते ही देखते वायरल हो गया. रिपोर्टों के अनुसार सूरत से बैठे यात्री 4 घंटे के अंदर 15 लीटर शराब पी गए.
फ्लाइट में इन ब्रांड की शराब…
बता दें कि, फ्लाइट में गुजरातियों ने जिस ब्रांड की सबसे ज्यादा शराब पी उसमें शिवास रीगल, बकार्डी और बीयर शामिल हैं, जिनकी कीमत 1.8 लाख रुपये है. खपत इतने बड़े स्तर पर हुई कि फ्लाइट के चालक दल भी हैरान थे. इसके चलते जहाज में रखे स्टॉक की सारी शराब खत्म हो गई थी.
गुजराती खाने के साथ …
सूत्रों ने बताया कि चालक दल को बैंकॉक पहुंचने से पहले घोषणा करनी पड़ी कि उनके पास शराब खत्म हो गई है. यह यात्रा अपने पारंपरिक उड़ानों से अलग थी. खास था कि यात्रियों ने शराब के साथ चखना पिज्जा जैसी अन्य वस्तुएं नहीं, बल्कि थेपला और खमन जैसे पारंपरिक गुजराती स्नैक्स चखना में खाए.
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जमकर पी गई शराब…
गुजराती यात्री अपने साथ ये थेपला और खमन आए थे. प्लेन के उड़ान भरते ही उन्होंने अपने ये चखने निकाले और शराब का ऑर्डर करना शुरू कर दिया. 300 यात्रियों के साथ उड़ी फ्लाइट को 4 घंटे के अंदर बैंकॉक पहुंचना था लेकिन लैंडिंग से पहले शराब खत्म हो गई.
गुजरात में शराब बैन…
बता दें कि गुजरात में शराब का सेवन और इसकी बिक्री प्रतिबंधित है. 1960 में इसके गठन के बाद से राज्य में निषेध कानून है, लेकिन इसने अपने निवासियों को शराब पीने से नहीं रोका है. गुजरात सरकार ने हाल ही में गांधीनगर में बनाए जा रहे गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (गिफ्ट) भारत के पहले वित्तीय सेवा केंद्र में शराब के सेवन की अनुमति दी है.
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सोशल मीडिया में छिड़ी जंग…
बता दें कि, इस घटनाक्रम ने गुजरात की निषेध नीति के बारे में चर्चाओं को जन्म दिया, एक सोशल मीडिया उपयोगकर्ता ने टिप्पणी की, ‘यह एक स्पष्ट संकेत है कि गुजरात के निवासी शराब का सेवन कर सकते हैं और करना चाहते हैं. शायद यह राज्य के लिए अपनी निषेध नीति की समीक्षा करने और संभावित रूप से विनियमित शराब की बिक्री के माध्यम से राजस्व अर्जित करने का समय है. विशेष रूप से राज्य में मौजूदा अवैध व्यापार को देखते हुए.