रूस -यूक्रेन युद्ध और इजराइल-हमास युद्ध के बीच दुनिया में एक और वार फ्रंट खुलने की संभावना है. दक्षिण अमेरिका महाद्वीप में जंग का नया मैदान तैयार हो गया है. वेनेजुएला और पड़ोसी देश गुयाना के बीच कभी भी जंग शुरू हो सकती है. वेनेजुएला की फौज गुयाना पर किसी भी वक्त हमले को तैयार है.
Also Read : अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री हेनरी किसिंजर का निधन, थे भारत विरोधी और चीन हितैषी
क्या है पूरा मामला
दरअसल वेनेजुएला इस्सेक्यूइबो नदी के पश्चिम में बसे घने जंगलों से भरे इस्सेक्यूइबो पर किसी भी कीमत पर अपना कब्जा चाहता है. यह इलाका अरबों डॉलर के तेल भंडार और खनिजों से भरा हुआ है. 30 हजार वर्ग मील में फैले इस इलाके में सोना भी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है. यही कारण है कि इस इलाके पर वेनेजुएला और गुयाना दोनों ही अपना अधिकार जमाते हैं. दोनों देशों के बीच जंग के हालात खतरनाक साबित हो सकते हैं, क्योंकि गुयाना को अमेरिका ने अपना समर्थन देने का फैसला किया है जबकि वेनेजुएला के साथ रूस खड़ा है.
वेनेजुएला-गुयाना विवाद: राष्ट्रपति मादुरो की सरकार ने कराया जनमत संग्रह
3 दिसंबर को वेनेजुएला सरकार द्वारा एक रिफ्रेन्डम (जनमत संग्रह) कराया गया. इसमें वेनेजुएला के 90 प्रतिशत से अधिक नागरिकों ने इस्सेक्यूइबो को वेनेजुएला के अंदर शामिल करने पर सहमति जताई है. इसके बाद जंग के कयास और भी तेज हो गये हैं. 1814 से चला आ रहे इस विवाद में वेनेजुएला का दावा है कि जब सीमा का बंटवारा हुआ था तब गुयाना ने इस्सेक्यूइबो को हड़प लिया था.
इस जनमत संग्रह में इस्सेथक्यूइबो इलाके में रहने वाले लोगों को वेनेजुएला की नागरिकता देने को लेकर भी सवाल किया गया है. इसके अलावा संयुक्तराष्ट्र की शीर्ष अदालत के न्यायाधिकार क्षेत्र को खारिज करने को भी कहा गया है. इस्सेथक्यूइबो का इलाका घने जंगलों से घिरा है और गुयाना के कुल क्षेत्रफल का दो तिहाई है. वेनेजुएला बहुत लंबे समय से इलाके पर अपना दावा करता रहा है. उसका कहना है कि स्पेदन के उपनिवेश के समय से ही यह इलाका उसकी सीमा के अन्दर आता है.
गुयाना के नागरिको में दहशत
वेनेजुएला सरकार द्वारा रिफ्रेन्डम कराये जाने के बाद से ही पूरे गुयाना में डर का माहौल है. गुयाना की ओर से दावा किया गया है कि वेनेजुएला के राष्ट्रपति राष्ट्रवादी भावनाओं को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं. इसकी आड़ में मादुरो की सरकार उनके देश की जमीन हथियाना चाहती है. वहीं गुयाना ने इस धमकी को उनके देश के अस्तित्वि पर खतरा बताया है.
Also Read : बनारस के कोतवाल को लगाया गया मदिरा का भोग