फर्जी नहीं था विकास दुबे का एनकाउंटर, यूपी पुलिस को मिली क्लीनचिट

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कानपुर के बिकरू कांड ने पिछले साल पूरे देश-दुनिया में हलचल मचा दिया था। इस कांड में 8 पुलिसवाले शहीद हो गए थे। इस घटना के बाद यूपी पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया था।

इसके बाद कुख्‍यात अपराधी विकास दुबे को मध्य प्रदेश से दबोचा गया था। और यूपी लाते वक्त विकास दुबे ने भागने की कोशिश की जिसके बाद पुलिस ने उसका एनकाउंटर कर दिया था।

पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल-

vikas dubey encounter case

इस एनकाउंटर के बाद यूपी पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे थे। इस घटना की जांच के लिए न्यायिक आयोग बनाया गया था।

इसमें हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति शशिकांत अग्रवाल और पूर्व पुलिस महानिदेशक के एल गुप्ता को सदस्य बनाया गया था।

अब इस घटना के करीब एक साल बाद न्यायिक आयोग ने विकास दुबे का एनकाउंटर करने वाली पुलिस टीम को क्लीन ​चिट दे दी है।

क्या कहती है रिपोर्ट-

विकास दुबे

जांच आयोग ने 797 पेज की रिपोर्ट सरकार को सौंपी है। जिसमें से 132 पेज की जांच रिपोर्ट है और 665 पेज की तथ्यात्मक सामग्री है।

आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि विकास और उसके गैंग में शामिल सभी अपराधियों को स्थानीय पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त था।

विकास को अपने घर पर पुलिस की दबिश की जानकारी चौबेपुर पुलिस से पहले ही मिल गई थी। इस वजह से पुलिस बल के 8 सदस्यों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी।

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