उपराष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे नायडू

0

नवनिर्वचित उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू शुक्रवार को पद और गोपनीयता की शपथ लेंगे। इस दौरान पहले वे राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देंगे। इसके बाद नायडू दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर दीनदयाल की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे। इसके बाद पटेल चौक पर सरदार पटेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे। इसके बाद शपथ ग्रहण के लिए राष्ट्रपति भवन पहुंचेंगे। इसके बाद वह संसद भवन आएंगे और संसदीय कार्यमंत्री और राज्यमंत्री उनका स्वागत करेंगे।

read more :  गैरहाजिर सांसदो की पीएम ने लगाई क्लास

विपक्ष के उम्मीदवर गोपालकृष्‍ण गांधी को 272 वोटों से हराया

नायडू  यहां पर भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे। 11 बजे वह सदन में प्रवेश करेंगे। आपको बताते दे कि नायडू ने विपक्ष के उम्मीदवर गोपालकृष्‍ण गांधी को 272 वोटों से हराया। वेंकैया नायडू को 516 वोट मिले जबकि गोपालकृष्ण गांधी को 244 मत मिले। विजय गोयल, सांवरलाल जाट, अनु आगा, एनके सारनिया, अब्दुल वहाब, पीके कुन्हालीकुट्टी, कुणाल कुमार घोष, तापस पॉल, प्रोतिमा मंडल, अभिषेक बनर्जी, मौसम नूर, रानी नारा उदयनराजे भोसले , अंबुमनि रामदौस वोटिंग में हिस्सा नहीं ले पाए।  वहीं उन्होंने  हामिद अंसारी ने अपने कार्यकाल के आखिरी दिन मुस्लिमों की बेचैनी की बात की थी। इसके जवाब में उप-राष्ट्रपति पद की शपथ लेने वाले वेंकैया नायडू ने बिना नाम लिए अंसारी के बयान पर निशाना साधा। उन्‍होंने देश में अल्पसंख्यकों के बीच असुरक्षा की भावना होने की बात को महज ‘राजनीतिक प्रचार’ बताकर खारिज कर दिया।

अल्पसंख्यक भारत में ज्यादा सकुशल और सुरक्षित हैं

नायडू ने यद्यपि किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनकी टिप्पणी को पूर्व उप-राष्ट्रपति अंसारी के एक टीवी साक्षात्कार की प्रतिक्रिया के तौर पर देखा जा रहा है जिसमें उन्होंने कहा था कि देश के मुसलमानों में असहजता और असुरक्षा की भावना है, और ‘स्वीकार्यता का माहौल’ खतरे में है। नायडू ने कहा, ‘कुछ लोग कह रहे हैं कि अल्पसंख्यक असुरक्षित हैं। यह एक राजनीतिक प्रचार है। पूरी दुनिया के मुकाबले अल्पसंख्यक भारत में ज्यादा सकुशल और सुरक्षित हैं और उन्हें उनका हक मिलता है। उन्होंने इस बात से भी इत्तेफाक नहीं जताया कि देश में असहिष्णुता बढ़ रही है और कहा कि भारतीय समाज अपने लोगों और सभ्यता की वजह से दुनिया में सबसे सहिष्णु है। उन्होंने कहा कि यहां सहिष्णुता है और यही वजह है कि लोकतंत्र यहां इतना सफल है।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More