एक ऐसा देश जहां 5 उपराष्ट्रपति तो सिर्फ चार वेंटिलेटर

पृथ्वी के दस देश जहां एक भी वेंटीलेटर नहीं

0

वाशिंगटन : यह वाकई ताज्जुब की बात है कि पृथ्वी के ऐसे कई देश हैं जहां एक भी वेंटिलेटर Ventilator नहीं है। जरा सोचिये, ये देश कोरोना वायरस के संक्रमण से कैसे लड़ रहे होंगे। यही नहीं अधिकतर अफ़्रीकी देशोें में मास्क, साबुन और पानी जैसी बुनियादी चीजों की भी किल्लत है।
ये बेहद दुखदायी स्थिति है और संपूर्ण विश्व को इस ओर देखना होगा। ये सभी अफ्रीकी महादेश में हैं।
कोरोना संक्रमण की महामारी स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव से जूझ रहे अफ्रीकी देशों के लिए अत्यंत भयावह साबित हो रही है।

यह भी पढ़ें: एसएसपी साहब… मेरी बहु शराब पीकर करती हैं हंगामा

अमेरिका में 1,70,000 वेंटिलेटर

आलम है कि 10 देशों में एक भी वेंटिलेटर Ventilator उपलब्ध नहीं है, जबकि 41 देशों के पास सिर्फ 2,000 के आसपास Ventilator हैं। इसके उलट अगर अमेरिका पर नजर डालें तो उसके पास 1,70,000 Ventilator उपलब्ध हैं। बेहद लचर स्वास्थ्य सुविधाओं और विषमताओं के बीच बेबस अफ्रीकावासियों के पास कोरोना वायरस से लड़ाई के लिए मन को मजबूत करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।

हाथ धोने का साबुन और साफ़ पानी तक नहीं

अफ्रीकी महादेश के कुछ देशों में कोरोना वायरस संक्रमण दस्तक दे रहा है तो कुछ देशों में यह दूसरे चरण में पहुँच कर तेज़ी से फैल रहा है। लेकिन उससे लड़ने की तैयारी का आलम यह है कि हाथ धोने का साबुन और साफ़ पानी तक नहीं है।

पूरे देश में एक भी Ventilator नहीं!

वेंटीलेटर ‘विलासिता की चीज’ इस तरह है कि कहीं पूरे देश में 4-5 वेंटिलेटर हैं तो कुछ ऐसे देश भी हैं, जहाँ एक भी वेंटिलेटर नहीं है। ऐसे में इस भयावह रोग से यह महादेश कैसे लड़ेगा?
दक्षिण सूडान में जितने वेंटिलेटर हैं, उससे अधिक तो उप राष्ट्रपति हैं। एक करोड़ 10 लाख की जनसंख्या वाले देश में 5 उप राष्ट्रपति और 4 वेंटिलेटर हैं।

आबादी दो करोड़ वेटिलेटर 11

पचास लाख की आबादी वाले सेंट्रल अफ़्रीकन रिपब्लिक के पास 3 तो लाइबेरिया में 5 Ventilator हैं। इसी तरह दो करोड़ जनसंख्या वाले देश बरकिना फ़ासो में 11 Ventilator हैं। इन लोगों की स्थिति फिर भी अच्छी है।
पचास लाख की आबादी वाले सेंट्रल अफ़्रीकन रिपब्लिक के पास 3 तो लाइबेरिया में 5 Ventilator हैं। इसी तरह दो करोड़ की जनसंख्या वाले देश बरकिना फ़ासो में 11 Ventilator हैं। इन लोगों की स्थिति फिर भी अच्छी है।
अफ़्रीका महादेश के 55 देशों में 10 देश ऐसे हैं, जहाँ एक भी वेंटीलेटर नहीं है। दक्षिण अफ़्रीका अकेला देश है, जहाँ स्वास्थ्य सेवाएं ठीक हैं, अर्थव्यवस्था ठीक है।

यह भी पढ़ें: लॉकडाउन: UP सरकार ने जारी किया आदेश, खुलेगी शराब की दुकानें!

पूरे महादेश में 2 हज़ार वेंटिलेटर

विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार, 41 अफ़्रीकी देशों में कुल मिला कर 2 हज़ार वेंटिलेटर हैं। दूसरी ओर, अकेले अमेरिका में 1,70,000 वेंटिलेटर हैं।
कुछ विशेषज्ञों ने इस पर चिंता जताई है कि अधिकतर अफ़्रीकी देशोें में मास्क, साबुन और पानी जैसी बुनियादी चीजों की भी किल्लत है।

साबुन-पानी तक नहीं

संयुक्त राष्ट्र की 2015 की एक रिपोर्ट के अनुसार, सब-सहारा अफ़्रीका में सिर्फ़ 15 प्रतिशत लोगों को हाथ धोने का पानी मिल सकता है। संयु्क्त राष्ट्र की 2017 की रिपोर्ट के मुताबिक़, लाइबेरिया में 97 प्रतिशत लोगों को साबुन और पानी नहीं मिलता है।
नतीजा यह है कि अफ़्रीका में तेज़ गति से कोरोना फैल रहा है। इसका अनुमान इससे लगाया जा सकता है कि गिनी में छह दिन में यह संक्रमण दूना हो रहा है जबकि घाना में इसमें 9 दिन लगते हैं।

कई सरकारों नहीं पता कितने वेटिलेटर?

कई देशों की सरकारों को यह पता ही नहीं है कि उनके पास कितने वेंटिलेटर हैं। अफ्रीका सीडीसी इस कोशिश में है कि सभी अफ्रीकी देशों में यह पता लगाया जाए कि उनके पास कितने वेंटिलेटर हैं ताकि यह अनुमान लगाया जा सके उन्हें और कितनों की ज़रूरत है।

आईसीयू में बिस्तर भी नहीं!

यही हाल कोरोना से लड़ने के लिए दूसरी स्वास्थ्य सेवाओं की भी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, अफ्रीका 43 देशों में कुल मिला कर 5 हज़ार इंसेटिस केअर यूनिट के बिस्तर हैं। जनसंख्या के हिसाब से अफ्रीका में दस लाख लोगों पर 5 बिस्तर हैं जबकि यूरोप में दस लाख पर 4 हज़ार बिस्तर हैं।

[better-ads type=”banner” banner=”104009″ campaign=”none” count=”2″ columns=”1″ orderby=”rand” order=”ASC” align=”center” show-caption=”1″][/better-ads]

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं। अगर आप हेलो एप्प इस्तेमाल करते हैं तो हमसे जुड़ें।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More