‘मैं होता तो थप्पड़ मार देता’, उद्धव ठाकरे पर दिए इस बयान को लेकर केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की हो सकती है गिरफ्तारी

केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के ख़िलाफ़ पुणे के चतुरशृंगी पुलिस स्टेशन में युवा सेना की शिकायत के बाद IPC की धारा 153 और 505 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लेकर विवादित बयान देकर केंद्रीय मंत्री नारायण राणे बुरी तरह फंस गए हैं। केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के ख़िलाफ़ पुणे के चतुरशृंगी पुलिस स्टेशन में युवा सेना की शिकायत के बाद IPC की धारा 153 और 505 के तहत मामला दर्ज किया गया है। उनके उद्धव ठाकरे को ‘थप्पड़’ मारने के बयान को लेकर, उनके खिलाफ तीन जगह एफआईआर दर्ज की गई हैं।

केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ आपत्तिजनक बयान देने को लेकर उनके खिलाफ नासिक पुलिस क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तारी के आदेश जारी किए गए हैं। बताते चलें कि केन्द्रीय मंत्री नारायण राणे रायगढ़ जिले में सोमवार को ‘जन आशीर्वाद यात्रा’ के दौरान कहा, ‘‘ यह शर्मनाक है कि मुख्यमंत्री को यह नहीं पता कि आजादी को कितने साल हुए हैं। भाषण के दौरान वह पीछे मुड़ कर इस बारे में पूछताछ करते नजर आए थे। अगर मैं वहां होता तो उन्हें एक जोरदार थप्पड़ मारता।’’

कौन हैं नारायण राणे

नारायण राणे ने अपनी राजनीति की शुरुआत 1960 के दशक में बाल ठाकरे के साथ की थी। 1990 में वो शिवसेना के टिकट पर पहली बार विधायक चुने गए फरवरी 1999 में महाराष्ट्र के 13वें मुख्यमंत्री के तौर पर नारायण राणे ने शपथ ली थी। लेकिन 2005 में बाल ठाकरे के साथ मतभेदों के चलते नारायण राणे शिवसेना छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे। फिर 2017 में उन्होंने कांग्रेस छोड़कर महाराष्ट्र स्वाभिमान पक्ष पार्टी बनाई जो बाद में भारतीय जनता पार्टी में मर्जर हो गया।

तेज हुई सियासत

पूरे घटनाक्रम पर महाराष्ट्र के मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा है कि केंद्रीय मंत्री नारायण राणे मुख्यमंत्री के प्रति जिस तरह की भाषा का प्रयोग कर रहे हैं, ये पूरे महाराष्ट्र का अपमान है। वही शिवसेना सांसद विनायक राउत ने कहा कि राणे अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं।

नितेश राणे की खुली चुनौती

नारायण राणे और शिवसैनिकों के बीच जारी टकराव को देखते हुए राणे के बेटे नितेश राणे ने शिवसैनिकों को खुली चुनौती दी है। उन्होने ट्वीट किया है, ”युवा सेना के सदस्यों को हमारे जुहू स्थित घर के बाहर विरोध प्रदर्शन के लिए कहा गया है, या तो मुंबई पुलिस उन्हें वहां आने से रोके, नहीं तो यदि कुछ भी होता है तो, उसकी जिम्मेदारी हमारी नहीं होगी। उन्होंने ट्वीट में आगे लिखा है कि “शेरों की मांद में जाने की हिम्मत मत करो! हम इंतजार कर रहे होंगे!’

 

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