‘अनुच्छेद 35ए’ में कश्मीर की भावनाओ के खिलाफ कुछ नही

0

केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिह ने सोमवार को कहा कि केंद्र सरकार अनुच्छेद 35ए के संबंध में ऐसा कुछ नहीं करेगी जो कश्मीरी लोगों की उम्मीद एवं इच्छा के विरूद्ध हो। सिंह ने श्रीनगर में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, “मुझे लगता है इस मुद्दे पर किसी भी प्रकार का संदेह और भ्रम नहीं होना चाहिए।

इस संबंध में केंद्र अदालत नहीं जाएगा और मैं इसके लिए आश्वस्त करना चाहता हूं कि जो कुछ भी हमारी सरकार करेगी, वह लोगों की इच्छा और उम्मीद के खिलाफ नहीं होगा।

read more :  आज घोटाला मामलेमें सीबीआई के समक्ष गैरहाजिररहेंगे लालू

उन्होंने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण

उन्होंने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि बिना किसी मुद्दे के मुद्दा बना दिया गया।यह पूछे जाने पर कि इस मुद्दे पर राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ(आरएसएस) के कार्यकर्ता और राज्य भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के नेता अनुच्छेद 35ए एवं 370 को निरस्त करना चाहते हैं, तो उन्होंने कहा, “भाजपा एक राजनीतिक संगठन है, मैं भाजपा के एक नेता और देश के गृह मंत्री के तौर पर बोल रहा हू। मैंने जो भी इस मुद्दे पर कहा है उसे अंतिम माना जाना चाहिए।

मैं यहां हमेशा खुले दिमाग से आया हूं

राज्य में राजनीतिक पहल पर पूछे गए प्रश्न के जवाब में सिह ने कहा, “मैंने यह गिनती कभी नहीं की है कि मैं यहां कितनी बार आया हूं। मैं यहां हमेशा खुले दिमाग से आया हूं, लेकिन लोगों को बातचीत के लिए आगे आना चाहिए।

कानून के अनुसार अपना काम कर रही है सरकार

अलगाववादी संगठनों के नेताओं की गिरफ्तारी के संबंध में गृहमंत्री ने कहा, “राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) इस देश की सबसे प्रतिष्ठित जांच एजेंसी है और यह कानून के अनुसार अपना काम कर रही है लेकिन यह उन लोगों को नहीं रोकता जो सरकार से बातचीत करना चाहते हैं।

मैंने पहले विरोध नहीं किया

उन्होंने कहा, “कानून अपना काम करेगी, लेकिन हम सभी से बातचीत करने के लिए तैयार हैं। हमने बातचीत से कभी इंकार नहीं किया। सभी पार्टियों के प्रतिनिधिमंडल यहां आए थे और सभी से मिले, हमने इसका विरोध नहीं किया। मैंने पहले ही कहा है कि सभी साझेदारों का स्वागत है और जो भी हमसे बातचीत करना चाहता है, उनका स्वागत है।

मैं हमेशा घाटी में शांति चाहता हू

यह पूछे जाने पर कि क्या अलगावादियों को वार्ता के लिए औपचारिक निमंत्रण दिया जाएगा, उन्होंने कहा, “औपचारिक या अनौपचारिक क्या होता है? हमने सभी को निमंत्रित किया है। मैं आप सभी से घाटी में शांति स्थापित करने और प्रधानमंत्री मोदी के इरादों को समझने का आग्रह करता हूं जिन्होंने कहा है कि कश्मीरी समस्या कश्मीर के लोगों को गले लगाने से समाप्त होगी न कि गोली या गाली से।

जो बच्चे बहला फुसला के हिंसा के रास्ते पर धकेला जाता…

सिंह ने कहा, “मैंने सुरक्षाबलों और प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि जिन बच्चों को बहला-फुसला कर हिंसा के रास्ते की ओर धकेला जा रहा है, उन्हें अपराधी न मानें और जेल में न डालें।उन्होंने कहा, “ऐसे भटके हुए बच्चों के साथ किशोर न्याय प्रणाली के तहत व्यवहार करना चाहिए और जेलों में बंद नहीं करना चाहिए। उन्हें समुचित सलाह देना चाहिए और प्यार से व्यवहार करना चाहिए।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More