‘राम जन्मभूमि’ समर्थकों के लिए बुरी खबर…मंहत का हुआ निधन

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राम मंदिर निर्माण के समर्थकों के लिए बुरी खबर है। बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि मामले के सबसे बड़े पैरोकार मंहत का आज निधन हो गया। निर्मोही अखाड़े के प्रमुख दास 1959 से मामले में याचिकाकर्ता थे। सांस लेने में दिक्कत के चलते मंगलवार को उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां बाद में उन्हें मस्तिष्क आघात हो गया।

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मंदिरों के नगर से दूर जाने से साफ इनकार कर दिया था

उनके करीबी सहयोगियों ने मीडिया को बताया कि अयोध्या में शनिवार को तुलसी घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। चिकित्सकों ने इससे पहले उन्हें लखनऊ या दिल्ली के किसी बड़े अस्पताल ले जाने की सलाह दी थी। लेकिन वृद्ध पुजारी ने मंदिरों के नगर से दूर जाने से साफ इनकार कर दिया था।

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राम मंदिर केस के हिंदू पक्षकार थे

फैजाबाद के सांसद लल्लू सिंह, उत्तर प्रदेश कांग्रेस समिति के पूर्व अध्यक्ष निर्मल खत्री और कई स्थानीय भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेताओं सहित अन्य लोगों ने दास को श्रद्धांजलि दी। दास के सम्मान में हनुमानगढ़ी इलाके में सभी दुकानें बंद हैं। निर्मोही अखाड़े के महंत भास्कर दास का शनिवार की सुबह निधन हो गया। वह 90 साल के थे। वह राम मंदिर केस के हिंदू पक्षकार थे।

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1986 में फैजाबाद नाका में हनुमान गढ़ी मंदिर के महंत बने

उन्हें 4 दिन पहले हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था।बताया जा रहा है कि भास्कर दास को यह तीसरा अटैक आया है। इससे पहले उन्हें साल 2003 और 2007 में भी अटैक आ चुका था। भास्कर दास का जन्म साल 1929 में गोरखपुर के रानीडीह में हुआ था। इसके बाद साल 1946 में वह अयोध्या आ गए। साल 1949 में वह राम जन्मभूमि बनाम बाबरी मस्जिद केस से जुड़े।वह साल 1966 तक राम चबूतरे के पुजारी रहे। इसके बाद वह बगल के मंदिर में रहे। साल 1986 में फैजाबाद नाका में हनुमान गढ़ी मंदिर के महंत बने।

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