मोदी-ट्रंप की मुलाकात में पाक में आतंकियों की पनाहगाहों पर चर्चा

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दुनियाभर में आतंकवादियों के सुरक्षित ठिकानों को खत्म करने और पाकिस्तान के जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा तथा डी-कंपनी से मुकाबले का आह्वान करने वाले अमेरिका(US) तथा भारत ने पाकिस्तान को संकेत दिया कि दोनों देशों ने पाकिस्तान से कहा है कि वह सुनिश्चित करे कि उसकी सरजमीं का इस्तेमाल दूसरे देशों पर आतंकवादी हमलों के लिए न हो। दोनों देशों ने अपनी रणनीति, रक्षा तथा आर्थिक संबंधों को व्यापक करने का भी फैसला किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच सोमवार रात बैठक के दौरान द्विपक्षीय संबंधों को एक नई दिशा मिली।

संयुक्त बयान में हालांकि एच1बी वीजा का जिक्र नहीं किया गया है, जिस पर भारत ने गंभीर चिंता जताई है। साथ ही बयान में पेरिस जलवायु समझौते का भी जिक्र नहीं है, जिस पर ट्रंप ने भारत तथा चीन के खिलाफ आलोचनात्मक टिप्पणियां की थीं।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तथा भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच देर सोमवार बैठक के बाद जारी एक संयुक्त बयान में पाकिस्तान के आतंकवादी समूहों द्वारा मुंबई, पठानकोट तथा भारत में सीमा पार से किए गए अन्य आतंकवादी हमलों के साजिशकर्ताओं को न्याय के कठघरे में लाने की इस्लामाबाद से अपील की गई।

संयुक्त बयान के मुताबिक, ट्रंप तथा मोदी ने जोर दिया कि आतंकवाद वैश्विक अभिशाप है, जिसका मुकाबला किया जाना चाहिए और दुनिया के हर हिस्से में मौजूद आतंकवादी ठिकानों को जड़ से उखाड़ फेंकना चाहिए।

बयान में कहा गया, “दोनों देशों ने संकल्प लिया कि साथ मिलकर मानवता के खिलाफ इस गंभीर चुनौती का मुकाबला करेंगे।” बयान के मुताबिक, वे ‘अल-कायदा, इस्लामिक स्टेट (आईएस), जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा, डी-कंपनी तथा इनसे संबद्ध अन्य समूहों से आतंकवादी खतरों के खिलाफ सहयोग प्रगाढ़ करने को प्रतिबद्ध हैं।’

संयुक्त बयान में कहा गया कि ट्रंप तथा मोदी के बीच बैठक से पहले हिजबुल मुजाहिदीन के नेता सैयद सलाहुद्दीन को अमेरिका द्वारा वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के अमेरिका के कदम की भारत सराहना करता है।

मोदी ने कहा कि आतंकवादियों के ठिकानों को नष्ट करना परस्पर सहयोग का अहम हिस्सा होगा। उन्होंने कहा, “आतंवाद पर अपनी साझा चिंता को दूर करने को लेकर हम समन्वय को बढ़ावा देने के लिए खुफिया सूचनाओं के आदान-प्रदान में इजाफा करेंगे।”

मोदी ने कहा कि दोनों देश बढ़ती कट्टरता, अतिवाद तथा आतंकवाद से मुकाबले को लेकर सहयोग में इजाफा करने के लिए सहमत हैं।

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ट्रंप ने कहा कि भारत तथा अमेरिका दोनों ही देश आतंकवाद से पीड़ित रहे हैं और हम आतंकवादी संगठनों तथा कट्टरपंथी विचाराधाराको खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिससे उन्हें मदद मिलती है।
उन्होंने कहा, “हम कट्टर इस्लामिक आतंकवाद को खत्म कर देंगे।”

राष्ट्रपति ने कहा, “हमारे सैन्य बलों के बीच सहयोग बढ़ाने को लेकर हमारी सेना हर रोज काम कर रही है। और अगले महीने दोनों देश जापान की सेना के साथ मिलकर हिंद महासागर में अब तक के सबसे बड़े सैन्य अभ्यास में हिस्सा लेंगे।”

बाद में सवालों के जवाब में भारत के विदेश सचिव एस.जयशंकर ने कहा कि अमेरिका द्वारा सैयद सलाउद्दीन को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने का स्पष्ट संकेत गया है।

विदेश सचिव ने कहा कि पाकिस्तान पर विस्तार से चर्चा हुई। कुछ खास मुद्दों पर बेहद विस्तृत व व्यापक चर्चा हुई।

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