शुजात बुखारी की हत्या के मास्टरमाइंड ने बेंगलुरु से की थी पढ़ाई
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने लश्कर-ए-तैयबा के 48 साल के आतंकी सज्जाद गुल को कश्मीरी पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या का मास्टरमाइंड बताया है। मैनेजमेंट ग्रैजुएट सज्जाद गुल पांच साल पहले पाकिस्तान चला गया था।
बुखारी की हत्या का आदेश हाफिज सईद ने दिया था
खुफिया सूत्रों के मुताबिक मूल रूप से कश्मीर के रहने वाले आतंकी सज्जाद ने बेंगलुरु के एक प्राइवेट इंस्टिट्यूट से एमबीए किया था और फिलहाल वह पाकिस्तान के रावलपिंडी में रहता है। कश्मीरी पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या का आदेश लश्कर सरगना हाफिज सईद ने दिया था। सज्जाद ने उसके खुद के द्वारा चुने गए स्थानीय आतंकवादियों को पत्रकार की हत्या का जिम्मा दिया था।
राइजिंग कश्मीर के एडिटर इन चीफ शुजात बुखारी ने केंद्र के रमजान सीजफायर का समर्थन किया था। इस वजह से लश्कर समेत कश्मीर में काम कर रहे दूसरे पाकिस्तान नियंत्रित आतंकी संगठन उनसे नाराज चल रहे थे।
शांति के पैरोकारों को निशाना बनाने की साजिश रची…
सूत्रों ने कहा कि शुजात की हत्या एक बड़ी साजिश का हिस्सा थी। मार्च में भारत की तरफ से नियुक्त किए गए वार्ताकार और इंटेलिजेंस ब्यूरो के पूर्व चीफ दिनेश्वर शर्मा से मुलाकात के बाद कश्मीर में शांति के पैरोकारों को निशाना बनाने की साजिश रची गई थी। खुफिया विभाग के एक अधिकारी ने एक समाचार पत्र को बताया कि शुजात बुखारी को मारने का आदेश लश्कर-ए-तैयबा के सरगना ने दिया था और इसे अंजाम देने में काफी कम लोगों का एक समूह शामिल था।
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अधिकारी ने बताया कि सज्जाद गुल को इस काम के लिए स्थानीय आतंकियों के चयन का जिम्मा दिया गया था। सूत्रों ने बताया कि मैनेजमेंट डिग्री के अलावा आतंकी बनने से पहले सज्जाद ने लैबरेटरी टेक्निशन की भी ट्रेनिंग ले चुका था। वह सक्रिय रूप से आतंकी गतिविधियों में लिप्त था।
सज्जाद के क्राइम रिकॉर्ड के मुताबिक पाकिस्तान जाने से पहले वह पकड़ा गया था। उसे श्रीनगर सेंट्रल जेल और तिहाड़ जेल में रखा गया था। सूत्र ने बताया कि शुजात बुखारी के बार में उसकी फर्स्ट हैंड इन्फर्मेशन लश्कर-ए-तैयबा के काम आई।
युवाओं के परिजनों से भी मुलाकात की
जम्मू-कश्मीर के वार्ताकार दिनेश्वर शर्मा ने कश्मीर में शांति प्रयासों के तहत 16 समूहों से मुलाकात की थी। उन्होंने आतंकी हमलों में मारे गए पुलिसवाले, आदिवासी, हॉकर्स, ड्राइवर्स और पत्रकारों के परिवारों के साथ-साथ पिछले 5 सालों में आतंकी संगठनों में शामिल हुए युवाओं के परिजनों से भी मुलाकात की।
दिनेश्वर शर्मा की इन गतिविधियों ने लश्कर चीफ हाफिज सईद और उसके कमांडरों का ध्यान अपनी ओर खींचा। फिर इस शांति प्रयास में बाधा डालने की साजिश शुरू हुई एजेंसी और पुलिस के सूत्रों ने बताया कि सज्जाद गुल ने यहां एक ब्लॉग शुरू किया जिसपर शुजात बुखारी और शांति प्रयासों में जुटे अन्य के खिलाफ कैंपेन चलाया गया। इनमें कश्मीर के अन्य पत्रकार, पीस ऐक्टिविस्ट और पूर्व रॉ ऑफिसर को भी निशाना बनाया गया।
भारत और पाकिस्तान के बीत शांति वार्ता की पैरवी की थी
उसने अपने ब्लॉग में दुबई ट्रैक 2 कॉन्फ्रेंस का जिक्र किया जिसमें बुखारी और अन्य शामिल हुए थे और जहां मृतक पत्रकार ने भारत और पाकिस्तान के बीत शांति वार्ता की पैरवी की थी। लश्कर आतंकी सज्जाद ने अपने ब्लॉग में बुखारी को ‘गद्दार’ के तौर पर पेश किया।
खुफिया सूत्रों का कहना है कि काफी जांच के बाद बुखारी की हत्या का पाकिस्तानी कनेक्शन सामने आया। सज्जाद के ब्लॉग का आईपी अड्रेस फर्जी मिला और इसे यूरोप और अमेरिका की फर्जी आईपी अड्रेस से चलाया जा रहा था। दिल्ली के एक सूत्र ने बताया कि आखिरकार हमने इस ब्लॉग की असल आईपी का पता लगाया जो पाकिस्तान के पंजाब के बहावलपुर की थी। उन्होंने कहा कि इसमें अब कोई शंका नहीं कि यह साजिश पाकिस्तान में रची गई और इसके लिए हाफिज सईद की तरफ से स्पष्ट निर्देश दिए गए थे।
पुलिस ने इस संबंध में कोई जानकारी देने से भी इनकार
हालांकि बुधवार को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इस बात से इनकार किया था कि उन्होंने इस मामले का पर्दाफाश कर दिया है। पुलिस ने इस संबंध में कोई जानकारी देने से भी इनकार कर दिया था। कश्मीर जोन पुलिस ने एक ट्वीट में कहा था, ‘मीडिया के कुछ सेक्शन में प्रेस एंक्लेव की आतंकी घटना से जुड़ी खबरें चल रहीं हैं। यह स्पष्ट किया जाता है कि पुलिस ने जांच को लेकर अबतक कोई प्रेस रिलीज जारी नहीं की है। हमें इस मामले में मीडिया से सहयोग की उम्मीद है।’
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