राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव की बयानबाजियों के बाद परिवार में अंदरूनी घमासान की अटकलों के बीच छोटे बेटे तेजस्वी यादव(Tejasvi) ने अपनी चुप्पी तोड़ी है। तेजस्वी ने मतभेद की अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि तेज प्रताप ने पार्टी को मजबूत करने को लेकर बात की है। वह बड़े भाई और गाइड हैं।
‘तेजस्वी कलेजे का टुकड़ा है’
बिहार के पूर्व डेप्युटी सीएम तेजस्वी ने कहा, ‘यह पूरी तरह से स्पष्ट है कि तेज प्रताप जी ने पार्टी को मजबूत करने को लेकर बात की है। उन्होंने 2019 के लोकसभा और 2020 के बिहार विधानसभा से पहले पार्टी को एकजुट और मजबूत बनाने की बात की है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि तेजस्वी कलेजे का टुकड़ा है। वह मेरे भाई और गाइड हैं।’
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शिक्षा और सुरक्षा पर करना होगा फोकस
उन्होंने कहा, ‘सभी लोग पार्टी को मजबूत करने को लेकर काम कर रहे हैं। हमें शिक्षा में जारी असंगतियों पर फोकस करना होगा कि कैसे स्टूडेंट्स को 35 में से 38 नंबर मिल जाते हैं। प्रदेश में 44 लड़कियों का रेप कैसे हो जाता है। अगर आप इन सब बातों को इग्नोर करेंगे तो बिहार को इससे कोई फायदा नहीं होगा।’
तेज प्रताप ने दिया था बयान
दरअसल शनिवार को तेज प्रताप के नाम से ट्वीट में लिखा गया, ‘मेरा सोचना है कि मैं अर्जुन को हस्तिनापुर की गद्दी पर बैठाऊं और खुद द्वारका चला जाऊं। अब कुछ ‘चुगलों’ को कष्ट है कि कहीं मैं किंगमेकर न कहलाऊं।’ इस ट्वीट से कयास लगाए गए कि उनके और तेजस्वी के बीच कुछ गड़बड़ चल रही है।
बाद में इसी मुद्दे पर बात कहते हुए तेज प्रताप ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं पर आरोप लगाते हुए कहा, ‘पार्टी के लोग मेरा फोन नहीं उठाते हैं और कहते हैं कि उन्हें ऐसा करने के लिए वरिष्ठ नेताओं की ओर से कहा गया है। मेरे और मेरे भाई के बीच में कोई मतभेद नहीं है। हमें उन तत्वों को पार्टी से निकालना होगा, जो हमें तोड़ना चाहते हैं। मैं चाहता हूं कि सीनियर नेता ऐसे लोगों को पहचानें और उनको बाहर करें।’
तेज प्रताप यादव ने इस मामले में मीडिया को सफाई देते हुए कहा, ‘परिवार में किसी तरह के विवाद की खबर झूठी है। ऐसी कोई चीज नहीं हुई है। मेरे मन में तेजस्वी और लालूजी के खिलाफ कुछ नहीं है लेकिन हां पार्टी में कुछ वरिष्ठ नेता युवा कार्यकर्ताओं को तवज्जो नहीं दे रहे हैं। आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे कार्यकर्ताओं की अनदेखी कर रहे हैं।’