एक पत्थर तो तबियत से उछालों यारों…

0

एक पत्थर तो तबियत से उछालों यारों….. ये मशहूर शेर शायर ने लोगों में हौसला और जुनून भरने के लिए किया होगा। अरविंद केजरीवाल जैसे आम आदमी ने मुख्यमेत्री बनकर इसे सार्थक कर दिया। आमतौर पर घरों में बैठ कर देश में सुधार के लिए हर आम आदमी बात करता है , लेकिन अकेले दम पर सिस्टम के खिलाफ लड़ने का और देश को भ्रष्टाचार मुक्त करने बीड़ा उठाने वाले अरविंद केजरीवाल का आज जन्मदिन है।

इस मौके पर जर्नलिस्ट कैफे  दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से जुड़ी अहम और दिलचस्प बातें

दिल्ली के सीएम  और  आम आदमी पार्टी के संयोजक  अरविंद केजरीवाल का आज जन्मदिन है। 16 अगस्त 1968 को जन्में अरविंद केजरीवाल एक ऐसे शख्स के रूप में जाने जाते हैं, जिसने पढ़ाई, प्रशासन, सामाजिक कार्य से लेकर राजनीतिक की पिच पर ताबड़तोड़ बैटिंग की। प्रशासनिक सेवा की नौकरी छोड़कर राजनीति में आए अरविंद केजरीवाल ने महज दो साल में दिल्ली की सत्ता हासिल कर ली। विपक्ष पर तीखे शब्दों में हमले और खुद को आम इंसान के रूप में पेश करने की अपनी कला के दम पर उन्होंने जनता का भरोसा हासिल कर सबको चौंका चुके हैं।

read more :   जर्मनी एयरलाइंस, एयर बर्लिन होगा दिवालिया

सरकार में पारदर्शिता लाने की कोशिश

हालांकि पंजाब, गोवा विधानसभा और दिल्ली नगर निगम चुनाव में हार के बाद से उन्होंने मीडिया से थोड़ी दूरी बना ली है। हर रोज विरोधियों पर तीखे वार करने के बजाय चुपचाप दिल्ली की जनता के लिए काम करने में जुटने का दावा कर रहे हैं। आइए इस शख्स के अब तक के जीवन सफर पर एक नजर डालते हैं। हरियाणा के हिसार में जन्में अरविंद केजरीवाल ने 1989 में आईआईटी खड़गपुर से यांत्रिक अभियांत्रिकी में स्नातक की। 1992 में वह  भारतीय नागरिक सेवा (आईसीएस) के एक भाग, भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) में आ गए और उन्हें दिल्ली में आयकर आयुक्त कार्यालय में नियुक्त हुए। जनवरी 2000 में केजरीवाल ने दिल्ली आधारित एक नागरिक आंदोलन ‘परिवर्तन’ की शुरुआत की। परिवर्तन के जरिए उन्होंने दिल्ली की सरकार में पारदर्शिता लाने की कोशिश की।

राजनीतिक सफर की औपचारिक शुरुआत

फरवरी 2006 में, उन्होंने नौकरी से इस्तीफा दे दिया और पूरे समय के लिए सिर्फ ‘परिवर्तन’ में ही काम करने लगे। अरविंद केजरीवाल सहित दूसरे समाजसेवियों के दबाव के चलते दिल्ली में आरटीआई को 2001 में पारित किया गया और अंत में राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय संसद ने 2005 में आरटीआई को पारित कर दिया। आरटीआई  मिलने के बाद केजरीवाल ने इसका भरपूर इस्तेमाल किया और कई घोटालों को जनता के सामने लाने में सफल रहे।  भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए अरविंद केजरीवाल ने गांधीवादी समाजसेवी अन्ना हजारे के साथ मिलकर 2011 में बड़ा आंदोलन किया। केजरीवाल देश में लोकपाल लाने की मांग कर रहे थे। इस आंदोलन के दौरान केजरीवाल ने अन्ना की तरह अनशन भी किया। केंद्र सरकार के आश्वासन के बाद भी लोकपाल नहीं आने पर 2 अक्टूबर 2012 को अरविंद केजरीवाल ने अपने राजनीतिक सफर की औपचारिक शुरुआत कर दी।

विश्व के सबसे प्रभावशाली व्यक्ति की सूची में जगह

उन्होंने आप  की स्थापना की। 2013  के दिल्ली विधान सभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल की अगुवाई में आम आदमी पार्टी ने शानदार प्रदर्शन किया। खुद केजरीवाल ने नई दिल्ली सीट पर तीन बार की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को 25864 मतों से हराया। केजरीवाल ने कांग्रेस के साथ मिलकर दिल्ली में सरकार का गठन किया। वर्ष 2013 में मुख्यमंत्री बनते ही पहले तो उन्होंने सिक्योरिटी वापस लौटायी। बिजली और पानी की दरों में 50 फीसदी की कटौती की। हालांकि दिल्ली विधानसभा में लोकपाल बिल नहीं पास करा पाने के चलते महज 49 दिनों में सत्ता को छोड़ दिया। 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी से चुनाव लड़ा। केजरीवाल राजनीति से ज्यादा सामाजिक कार्यों में सफल माने जाते हैं। उन्हें सामाजिक कार्यों में योगदान के लिए रमन मेगसेसे अवार्ड मिल चुका है। प्रतिष्ठित ‘टाइम’ मैगजीन ने इन्हें विश्व के सबसे प्रभावशाली व्यक्ति की सूची में जगह दी है।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

 

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More