Sunil Ojha Death : नहीं रहे भाजपा के वरिष्ट नेता सुनील ओझा…..

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Sunil Ojha Death : बुधवार की सुबह सियासत जगत को गमगीन कर देने वाली खबर लेकर आई. बुधवार की सुबह भाजपा के वरिष्ट नेता और पीएम मोदी के करीबी रहे सुनील ओझा का निधन हो गया. आपको बता दें कि , बीते कुछ महीने पहले ही उत्तर प्रदेश से ट्रांसफर कर उन्हें बिहार भेजा गया था. बिहार पहुंचने से पहले वह भाजपा में सह प्रभारी का कार्यभार संभाल रहे थे. बिहार में भी वह पार्टी के सह प्रभारी ही बनाए गए. उनकी नियुक्ति बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने की थी.

पीएम मोदी के करीबी थे सुनील ओझा

आपको बता दें कि, पीएम मोदी के करीबी माने जाने वाले भाजपा के सह प्रभारी सुनील ओझा गुजरात के जिला भावनगर के रहने वाले थे. भाजपा में लम्बे समय तक सेवा देने वाले सुनील ओझा भावनगर दक्षिण से बीजेपी के विधायक भी थे. सुनील ओझा की ऱाजनैतिक छवि ब्राह्मण समाज से आने वाले जमीनी नेता में थी, हाल ही में जब उन्हे बिहार का सह प्रभारी नियुक्त किया गया तो, सियासत के गलियारों में हलचल तेज हो गई थी जिसकी वजह से काफी दिनों तक वह सुर्खियों में भी रहे.

ऐसे बने पीएम करीबी

साल 2002 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना पहला चुनाव जीता था, उस समय राजकोट में उनके चुनाव का प्रभारी सुनील ओझा को बनाया गया था. वहीं से ओझा ने अपनी सूझबूझ और मेहनत से भरोसेमंद राजनेता की छवि बनाई थी. सुनील ओझा का पीएम मोदी से इससे भी पुराना संबंध बताया जाता है, कहा जाता है कि वह प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में संगठन के महामंत्री भी रहे.

जब सुनील ओझा को बिहार में ट्रांसफर किया गया था, तब सोशल मीडिया पर 21 वर्ष पुरानी एक फोटो वायरल हुई थी. फोटो में नरेंद्र मोदी, अमित शाह, सुनील ओझा, ज्योतिंद्र मेहता और भीखूभाई दलसानिया नजर आ रहे हैं. राजनीतिक गलियारों में इस फोटो के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि, सुनील ओझा को बिहार का सह प्रभारी बनाने का एक कारण भीखू दालसानिया से समन्वय था. दलसानिया आरएसएस से आते हैं, लेकिन सुनील ओझा पहले बीजेपी से थे.

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गड़ौली धाम आश्रम क्यों रहे थे चर्चा में ?

गौरतलब है कि, सुनील ओझा बीते कुछ दिनों पहले यूपी के गड़ौली धाम आश्रम को लेकर भी चर्चा में रहे थे, इसकी वजह थी कि, मिर्जापुर में गंगा नदी के किनारे पर गडौली धाम आश्रम का निर्माण कराया जा रहा था, इस आश्रम को लेकर बताया जाता है कि यहां का निर्माण कार्य सुनील ओझा की ही निगरानी में रही थी.

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