स्वामी की याचिका पर सुनंदा केस में 20 जुलाई को सुनवाई

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दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि वह कांग्रेस सांसद शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत की अदालत की निगरानी में समयबद्ध जांच की मांग वाली भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर 20 जुलाई को सुनवाई करेगा। न्यायमूर्ति जी.एस.सिस्तानी तथा न्यायमूर्ति पी.एस.तेजी की एक पीठ अगली सुनवाई के दौरान केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) तथा दिल्ली पुलिस के प्रतिनिधियों की सुनवाई करेगी।

सुनंदा पुष्कर दिल्ली के एक होटल में 17 जनवरी, 2014 को मृत पाई गई थीं। स्वामी ने न्यायालय से कहा कि पुष्कर की मौत की जांच में बाधा पहुंचाने को लेकर नियमित प्रयास हुए हैं और आरोप लगाया कि प्राथमिकी दर्ज करने में एक वर्ष का समय लगा और उसके बाद मामले में कोई प्रगति नहीं हुई।

स्वामी ने कहा, “यह स्पष्ट है कि जांच को बंद करने का प्रयास हुआ।” उन्होंने कहा कि तीन वर्षो के बाद भी पुलिस किसी को गिरफ्तार नहीं कर पाई है और न ही हिरासत में लेकर किसी से पूछताछ की गई है।

उन्होंने कहा, “कई सबूत नष्ट कर दिए गए। दिल्ली पुलिस ने इस जांच में लापरवाही के लिए सतर्कता जांच शुरू की है।”स्वामी ने कहा कि अंत्यपरीक्षण रिपोर्ट में पुष्टि की गई है कि सुनंदा की मौत ‘अस्वाभाविक’ और ‘जहर के कारण’ हुई। अपनी मौत से कुछ दिन पहले सुनंदा पुष्कर ने कथित तौर पर एक प्रेस वार्ता बुलाने की बात कही थी, जिसमें वह भ्रष्टाचार के एक गंभीर मामले को उजागर करतीं।

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जब पीठ ने पूछा कि इस मामले में लोकहित के लिए ऐसा क्या है, जिसके लिए इसमें न्यायालय हस्तक्षेप करे, स्वामी ने पीठ से कहा कि लोकहित ‘भ्रष्टाचार को उजागर’ करना है। स्वामी ने मामले की समयबद्ध जांच की मांग करते हुए कहा, “मामले में बेहद प्रभावशाली लोग शामिल हैं, जिसके कारण उन्हें बचाने के प्रयास किए जा रहे हैं और मामले में पहले ही अनावश्यक विलंब हो चुका है।”

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