पूर्व सैनिकों ने राष्ट्रपति को लिखा खत, बंद हो सेना का राजनीतिकरण

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लोकसभा चुनाव में सेना के नाम पर वोट मांगने की राजनीति को लेकर पूर्व सैनिकों ने आपत्ती जताई है। करीब 150 से अधिक पूर्व सैनिकों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को खत लिखा है। खत में कहा गया कि नेता सेना को ‘मोदी जी की सेना’ बता रहे हैं।

पूर्व सैनिकों द्वारा लिखी चिट्ठी में कहा गया है कि मौजूदा केंद्र सरकार सर्जिकल स्ट्राइक जैसे सेना के ऑपरेशन का श्रेय ले रही है। चिट्ठी में राष्ट्रपति से राजनीतिक दलों के सेना के राजनीतिक इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए कदम उठाने की अपील की गई है।

राष्ट्रपति को लिखी चिट्ठी-

चिट्ठी में लिखा गया है, ‘सीमा पार हुए सर्जिकल स्ट्राइक जैसे सैन्य अभियान का श्रेय नेता ले रहे हैं। साथ ही सेना के जवानों को मोदी जी की सेना कहा जा रहा है। चुनावी फायदा लेने के लिए नेता एयरफोर्स के विंग कमांडर की तस्वीरों का सहारा ले रहे हैं। ऐसा करना ठीक नहीं है।’

राष्ट्रपति को लिखी चिट्ठी में कहा गया, ‘हमें विश्वास है कि आप जरूर इस बात से सहमत होंगे कि भारत के संविधान के तहत और भारत के राष्ट्रपति के सर्वोच्च आदेश के तहत सशस्त्र बलों के जवान और उसके वर्दी का प्रयोग मना है। इस तरह के काम से सेना की अखंडता को नुकसान पहुंच सकता है।’

चुनाव आयोग ने जारी की थी एडवाइजरी-

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बता दें कि बीजेपी के स्टार प्रचारक और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए सर्जिकल स्ट्राइक का जिक्र किया था। साथ ही आर्मी को ‘मोदी जी की सेना’ बताया था। इस बयान के बाद विरोधियों ने योगी पर जमकर निशाना साधा ​था।

इसके अलावा महाराष्ट्र के लातूर की एक रैली में पीएम मोदी ने पहली बार मतदान करने वाले मतदाताओं से कहा था, ‘वे अपने मत उन बहादुर लोगों को समर्पित करें जिन्होंने पाकिस्तान के बालाकोट में हवाई हमले को अंजाम दिया।’

बता दें कि चुनाव अयोग ने एक एडवाइजरी जारी कर निर्देश दिया था कि चुनाव प्रचार के दौरान राजनीतिक दल सशस्त्र बलों के नाम का इस्तेमाल न करें।

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