CM से मिलने पहुंचे श्री श्री रविशंकर, सुलझाएंगे राम मंदिर मुद्दा
अदालत से बाहर आपसी सहमति से अयोध्या में राममंदिर का निर्माण करवाने की अपनी मुहिम को आगे बढ़ाते हुए आर्ट आफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलने उनके आवास पहुंचे। दोनों में बातचीत जारी है। इससे पहले उन्होंने मंगलवार रात गोंसाईगंज स्थित जलसा रिजार्ट में अनुयायियों से मुलाकात की थी।
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आज वे अयोध्या जाएंगे और वहां संतों से मिलेंगे। मगर उनकी इस मुहिम से अयोध्या मामले से जुड़े कई लोग सहमत नहीं हैं। सिर्फ तीन पक्षों के साथ बैठक हो तो राजीयूपी सुन्नी सेण्ट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जुफर फारूकी का कहना है कि अयोध्या विवाद के सिर्फ तीन ही पक्षकार हैं सुन्नी वक्फ बोर्ड, निरमोही अखाड़ा और भगवान श्री राम विराजमान।
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श्री श्री रविशंकर लखनऊ प्रवास के दौरान अगर तीन पक्षकारों से मिलते हैं तो ही ऐसी बैठक में सुन्नी वक्फ बोर्ड शामिल हो सकता है। शिया वक्फ बोर्ड तो इस मामले में बेवजह कूद रहा है।
वह अयोध्या में निरमोही अखाड़ा भी जाएंगे
श्री श्री की कोशिशों से अगर बातचीत से हल निकल आए तो इससे बेहतर और क्या हो सकता है। मध्यस्थता प्रस्ताव पर गौर करने के बाद ही होगा स्वीकार निरमोही अखाड़ा के वकील रंजीत लाल वर्मा का कहना है कि उन्हें श्री श्री की तरफ से बातचीत के लिए कोई बुलावा नहीं आया है वह अयोध्या में निरमोही अखाड़ा भी जाएंगे।
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उस दौरान हम लोग भी उनसे मिलेंगे। श्री श्री का लखनऊ में स्वागत मगर उनके पास कोई प्रस्ताव नहींउधर, बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक एडवोकेट जफरयाब जीलानी का कहना है कि श्री श्री रविशंकर के नुमाइंदों ने कुछ दिन पहले हमसे सम्पर्क किया था। मौखिक बातचीत में हमने उनसे यही कहा कि उनका स्वागत है।
न ही हमें उनकी मध्यस्थता स्वीकार है
मगर अयोध्या मामले में उनसे मुलाकात का कोई मतलब नहीं इसलिए क्योंकि उनके पास समाधान का कोई प्रसताव ही नहीं है।वहीं रामलला विराजमान के वकील मदन मोहन पाण्डेय का कहना है कि श्री श्री रविशंकर की तरफ से हम लोगों कोई सम्पर्क नहीं किया गया। न ही हम लोग उनसे मिलने जाएंगे।श्री श्री की मध्यस्थता का कोई मतलब नहींहमें श्री श्री रविशंकर की तरफ से कोई सूचना नहीं मिली है। न ही हमें उनकी मध्यस्थता स्वीकार है।
(साभार – हिंदुस्तान)
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