‘ट्रैफिक पुलिस’ चालान काटने के बजाय देता है ‘गिफ्ट’

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यूं तो आमतौर पर आपने हेलमेट न पहनने वाले को ट्रैफिक पुलिस की तरफ से चालान काटते देखा होगा,  लेकिन दिल्ली पुलिस में तैनात सिपाही संदीप सिंह चालान काटने की बजाय तोहफे में हेलमेट देते है। सिपाही संदीप सिंह की यह अनूठी पहल की लोगो में सराहना की जा रही है। देश में हर दिन सड़क हादसों में से अधिक लोगों की मौत होती है। इनमें बड़ी संख्या में दोपहिया वाहन चालक शामिल होते हैं। दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट नहीं पहनना लोगों की जान पर भारी पड़ रहा है।

चालान काटने में व्यस्त दिखते हैं

लोग अपनी सुरक्षा के प्रति न तो सजग हो रहे हैं और न ही चालान कटने का भय उन्हें हेलमेट पहनने के लिए बाध्य कर पा रहा है। ऐसे में दिल्ली की सड़कों पर हेलमेट मैन के नाम से मशहूर दिल्ली आम्र्ड पुलिस में तैनात सिपाही संदीप कुमार की मुहिम सचमुच सराहनीय है। यातायात पुलिसकर्मियों पर अक्सर आरोप लगते हैं कि वे यातायात नियमों का कड़ाई से पालन कराने में दिलचस्पी नहीं दिखाते हैं, वे केवल चालान काटने में व्यस्त दिखते हैं।

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लेकिन संदीप कुमार न सिर्फ चालान काटने की पुलिस की छवि को सुधार रहे हैं, बल्कि हेलमेट बांटकर लोगों की जिंदगी को सुरक्षा कवच भी दे रहे हैं। संदीप अब तक दोपहिया वाहन चालकों को मुफ्त में हेलमेट दे चुके हैं। सालगिरह व बच्चों के जन्मदिन पर भी वह गिफ्ट के रूप में हेलमेट ही देते हैं। सात जुलाई को उनके 8 वर्षीय जुड़वां बच्चों यश व कीर्ति का जन्मदिन था, लेकिन उन्होंने पार्टी कर खुशियां बांटने के बजाय हेलमेट खरीदकर पीतमपुरा के मधुबन चौक पर बगैर हेलमेट पहने जा रही बाइक सवार युवतियों को हेलमेट बांटे। संदीप का प्रयास दिल्ली तक ही सीमित नहीं है। बिहार के छपरा स्थित उनके देवपुरा गांव में शायद ही कोई ऐसा बाइक वाला होगा जिसे उन्होंने हेलमेट नहीं दिया हो। दिल्ली आम्र्ड पुलिस की 5वीं वाहिनी में सिपाही संदीप कुमार वर्ष में दिल्ली पुलिस में भर्ती हुए थे। वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट में उनकी तैनाती है।

सड़क हादसे ने उन्हें झकझोर कर रख दिया

पीतमपुरा पुलिस कॉलोनी में परिवार के साथ रह रहे संदीप ने बताया कि छपरा स्थित उनके देवपुरा गांव में वर्ष 2015 में हुए एक सड़क हादसे ने उन्हें झकझोर कर रख दिया। बगैर हेलमेट पहने बाइक चला रहे गांव के एक लड़के रंजीत (19) को उन्होंने हेलमेट पहनने को कहा तो उसने यह कहते हुए उनकी बात नहीं मानी कि वह अपनी पुलिसगीरी अपने पास रखें, क्योंकि यहां चालान नहीं कटता है। वह कुछ दूर गया ही था कि सड़क दुर्घटना में उसकी मौत हो गई।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखा

इस घटना से आहत संदीप ने अपने गांव के प्रत्येक घर में हेलमेट बांटे और लोगों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक किया। उनके वेतन का एक हिस्सा हेलमेट खरीदने और उसे बांटने में खर्च हो जाता है। पीएम को  पत्र लिखकर गुजारिश की है कि कि बगैर हेलमेट चालकों का चालान करने के बजाए उनको हेलमेट देने की व्यवस्था होनी चाहिए। इसे लेकर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखा है।

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