संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पार्वथानेनी हरीश ने शुक्रवार को पाकिस्तान के जम्मू और कश्मीर को लेकर किए गए दावों और बयानों पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के पूर्व विदेश सचिव ने एक बार फिर पाकिस्तान को लेकर घिसी पिटी रट लगाई.
लेकिन यह सच नहीं बदलेगा कि जम्मू- कश्मीर भारत का अभिन्नह हिस्सा था, है और रहेगा. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि बार बार पाकिस्तान का मुद्दा उठाने से समस्या का हल नहीं होगा और न हि आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली करतूतें छिपेगी.
धार्मिक कट्टरता का गढ़ पाकिस्तान
हरीश ने कहा कि, पाकिस्तान की कट्टरपंथी सोच किसी से छिपी नहीं है. यह देश खुद में धार्मिक कट्टरता का गढ़ बना चुका है. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में दो टूक कहा कि- पाकिस्तान को पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए जहाँ अल्पसंख्यक पर हमले आम बात हो गई है. भारत के प्रतिनिधि ने साफ़ किया कि वह आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगें और यह किसी एक धर्म विशेष के खिलाफ नहीं है.
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धार्मिक देशों के भेदभाव पर निशाना…
बता दें कि हरीश ने संयुक्त राष्ट्र के मंच से उन देशों पर भी निशाना साधा जो धार्मिक भेदभाव को बढ़ावा देते हैं. उन्होंने कहा कि पूजा स्थलों और धार्मिक समुदायों को निशाना बनाकर की जा रही हिंसा को रोकने के लिए सभी देशो को ठोस कदम उठाने चाहिए. इशारों इशारों में पाकिस्तान पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि देशों को अपने नागरिकों के साथ सामान व्यवहार करना चाहिए न कि ऐसी नीतियां का इस्तेमाल करें जो धार्मिक कट्टरता को बढ़ावा दें.
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भारत विविधता और बहुलता की भूमि
हरीश ने संयुक्त राष्ट्र के मंच से कहा कि- भारत विविधता और बहुलता की भूमि है. भारत 200 मिलियन से अधिक मुसलमानों के साथ दुनिया की सबसे बड़ी आबादी मुस्लिम आबादी का घर है और यह मुस्लिमों के खिलाफ धार्मिक असहिष्णुता की घटनाओं की निंदा करने में संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों के साथ एकजुट हैं.