आरबीआई ने प्रमुख दरो में नही किया कोई बदलाव
महंगाई के बढ़ते दबाव और राजकोषीय घाटे को लेकर बढ़ी चिंताओं के मद्देनजर आरबीआई ने बुधवार को अपनी प्रमुख ब्याज दरों को यथावत रखा है।
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आरबीआई वाणिज्यिक बैंकों को अल्पावधि के लिए उधारी देता है
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की 2017-18 के लिए चौथी द्विमाही मौद्रिक नीति समीक्षा के अनुसार, रेपो दर को छह प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है। रेपो दर वह दर होती है, जिस पर आरबीआई वाणिज्यिक बैंकों को अल्पावधि के लिए उधारी देता है।
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रेपो दर में भी कोई बदलाव न करते हुए उसे 5.75 प्रतिशत पर बरकरार रखा
आरबीआई ने इसी तरह रिवर्स रेपो दर में भी कोई बदलाव न करते हुए उसे 5.75 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। चौथी द्विमाही मौद्रिक नीति समीक्षा से जारी बयान में कहा गया है, “एमपीसी (मौद्रिक नीति समिति) का निर्णय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) की चार प्रतिशत महंगाई दर के लक्ष्य को हासिल करने, और वृद्धि दर को समर्थन देने के उद्देश्य के लिए मौद्रिक नीति के एक तटस्थ रुख के अनुरूप है।
पांच सदस्यों ने ब्याज दरों को यथावत रखने के पक्ष में वोट किया
यह निर्णय आरबीआई के गवर्नर उर्जित आर. पटेल की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय एमपीसी ने लिया। समिति के पांच सदस्यों ने ब्याज दरों को यथावत रखने के पक्ष में वोट किया।छह सदस्यीय एमपीसी में तीन सदस्य सरकार के और तीन आरबीआई के होते हैं।
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रेपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती की
आरबीआई ने अगस्त में अपनी पिछली नीतिगत समीक्षा में रेपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती कर उसे 6.25 प्रतिशत से घटाकर छह प्रतिशत कर दिया था।
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