नुपुर शर्मा के समर्थन में आये इस देश के संभावित प्रधानमंत्री

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नीदरलैंड में प्रधानमंत्री बनने की रेस में सबसे आगे गीर्ट विल्डर्स ने नुपुर शर्मा से मिलने की इच्छा जताई है. उन्होंने एक बार फिर पूर्व भाजपा नेता नूपुर शर्मा के समर्थन में बयान दिया है. विल्डर्स ने एक्‍स पर एक ट्वीट करते हुए नूपुर की तारीफ की है.

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नूपुर शर्मा का विल्डर्स ने करीब दो साल पहले भी खुलेतौर पर समर्थन किया था, जब उनकी पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी को लेकर इस्लामिक देशों समेत पूरी दुनिया में तीखी आलोचना हो रही थी. इस बयान के बाद भाजपा ने नूपुर से किनारा करते हुए पार्टी से निष्कासित कर दिया था. गीर्ट ने तब कहा था कि नूपुर की आलोचना और उन पर कार्रवाई बेबुनियाद है क्योंकि उसने कुछ भी गलत नहीं बोला है. अब एक बार फिर उन्होंने नूपुर के समर्थन में बयान दिया है. बता दें कि हर तरफ से आलोचना झेल रही नुपुर का समर्थन, कुछ गिने चुने नेताओं ने ही किया था.

इस्लाम विरोधी बयानों के कारण सुर्खियों में आये थे गीर्ट

बीते कुछ सालों से इस्लाम के खिलाफ अपने बयानबाजी के कारण गीर्ट विल्डसर्स ने दुनिया में सुर्खियां बटोरी थी. जिसके बाद से ही वह कट्टरपंथियों के निशाने पर हैं. चुनावों के दौरान भी इस्लाम और मुस्लिमों का विरोध गीर्ट की पार्टी के प्रचार अभियान का हिस्सा रहा था. चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने इस्लामिक हेडस्कार्फ और हिजाब पहनने को गैरकानूनी घोषित करने, मस्जिदों को बंद करने और कुरान पर प्रतिबंध लगाने जैसे वादे किए थे. जिनकी कई देशों और संगठनों ने आलोचना भी की थी. चुनाव के बाद भी उन्होंने मुस्लिमों को लेकर कई बयान दिए हैं. अपने बयानों को लेकर वह कई मुकदमों का भी सामना करते रहते हैं.

नुपुर को मिले नोबल पुरस्कार – गीर्ट

उन्होंने एक ट्वीट कर नूपुर के बयान का पुरजोर समर्थन किया था. वहीं उन्हें हीरो बताया. गीर्ट ने आगे कहा था- नूपुर शर्मा पर दुनिया को गर्व होना चाहिए. वहीं उन्हें नोबेल पुरस्कार तक देने की बात कही.

धारा 370 के भारत सरकार के फैसले को बताया सही

गीर्ट ने कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाने पर भी भारत सरकार का समर्थन किया था. विल्‍डर्स ने कहा था- भारत एक लोकतांत्रिक देश है, जबकि पाकिस्तान में आतंक का राज है. आर्टिकल 370 को हटाना सही फैसला है और दुनिया को इसका समर्थन करना चाहिए. ये भारत का आंतरिक मसला है. हमें कश्मीरी पंडितों के घर वापसी का स्वागत करना चाहिए. भारत के नेतृत्व में वहां के लोगों का बेहतर विकास होगा.

गीर्ट के सत्ता में आने के बाद युरोप पर पड़ सकता है असर

गीर्ट यूरोपियन यूनियन से भी नीदरलैंड को हटाना चाहते हैं. नीदरलैंड के चुनावों में शरणार्थी एक अहम मुद्दा थे. गीर्ट ने चुनावी कैंपेन के दौरान ये स्पष्ट कर दिया था कि वो शरण मांगने वाले प्रवासियों को देश में नहीं आने देंगे.
पिछले साल नीदरलैंड आने वाले शरणार्थियों की संख्या लगभग दोगुनी होकर 2.20 लाख तक पहुंच गई थी। रूस-यूक्रेन जंग इसका प्रमुख कारण था.
गीर्ट की फ्रीडम पार्टी को नीदरलैंड के चुनाव में सबसे अधिक सीटें मिली हैं. नीदरलैंड की संसद में 150 सीटें हैं. PVV को आम चुनाव में 37 सीटें मिली थीं. सरकार बनाने के लिए पार्टी को 76 सांसदों का समर्थन चाहिए. गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक गीर्ट इस वक्त 3 दूसरी पार्टियों के साथ बातचीत कर रहे हैं, जिससें उन्हें 41 सीटें मिल सकती हैं.
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि गठबंधन की सरकार बनने के बाद गीर्ट कितनी सख्ती से अपने वादों को पूरा करते हैं.

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