सुनंदा पुष्कर मामले में पुलिस 2 महीने मे देगी अंतिम रिपोर्ट

0

पुलिस ने गुरुवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा कि वह 2014 के सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में आठ हफ्तों के भीतर अंतिम रिपोर्ट दाखिल कर सकती है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर का शव दिल्ली के लीला होटल के एक कमरे में पाया गया था।

also read : आये नवरात्रें माता के’… मंदिर में लगी माता के भक्तों की लम्बी कतारें

पुलिस ने कहा कि इसमें कुछ लोगों से पूछताछ किए जाने की संभावना है

पुलिस ने न्यायमूर्ति जी. एस. सिस्तानी की अगुवाई वाली खंडपीठ को बताया कि वह मामले में निष्कर्ष पर पहुंचने में मदद के लिए मनोवैज्ञानिक विश्लेषण की एक नई पद्धति को अपनाएगी।पुलिस ने कहा कि ये परीक्षण विदेश में किए जाते हैं और इसके जानकार देश में भी हैं। पुलिस ने कहा कि इस तरह की जांच पहले भी देश में तीन मामलों में की जा चुकी हैं।पुलिस ने कहा कि इसमें कुछ लोगों से पूछताछ किए जाने की संभावना है और जुटाए गए साक्ष्यों के आधार पर वह अपनी अंतिम रिपोर्ट आठ हफ्तों के भीतर दाखिल कर सकती है।

अदालत ने मामले को 26 अक्टूबर के लिए सूचीबद्ध कर दिया।

अदालत ने दिल्ली पुलिस से दो हफ्ते के भीतर हलफनामा दायर करने को कहा और साथ ही याद दिलाया कि तीन साल का समय गुजर चुका है।अदालत ने मामले को 26 अक्टूबर के लिए सूचीबद्ध कर दिया।अदालत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा सुनंदा पुष्कर की मौत की जांच अदालत की निगरानी में व सीबीआई की अगुवाई में बहुआयामी विशेष जांच दल द्वारा कराने की याचिका पर सुनवाई कर रही है।

सुनंदा पुष्कर दिल्ली के होटल के एक कमरे में 17 जनवरी 2014 को मृत पाई गई थीं

स्वामी का दावा है कि पुष्कर की हत्या की गई क्योंकि उसके पास क्रिकेट से जुड़ी इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) से जुड़ी कुछ विशेष जानकारी थी।उन्होंने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय को मामले की आईपीएल कोण से जांच करनी चाहिए।भाजपा नेता ने कहा कि अपनी मौत से कुछ दिनों पहले पुष्कर ने एक संवाददाता सम्मेलन बुलाया था, ताकि एक गंभीर भ्रष्टाचार के मामले का पर्दाफाश किया जा सके।

विशेष जांच दल की जांच की निगरानी का आग्रह किया था

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल संजय जैन ने पुलिस की तरफ से पेश होते हुए अदालत को पिछली सुनवाई में बताया था कि मामले में जुटाए गए नमूने को तीन बार ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस भेजा गया और अधिकारियों को लैब रिपोर्ट के लिए अमेरिका भेजा गया और यह जांच अंतिम चरण में है।

स्वामी ने अदालत से कहा कि यदि जांच एजेंसियां इस निष्कर्ष पर पहुंचती हैं कि मौत जहर से हुई तो यह मायने नहीं रखता कि यह किस तरह का जहर था। उन्होंने खंडपीठ से विशेष जांच दल की जांच की निगरानी का आग्रह किया था।हालांकि, इस पर अदालत ने कहा, “हम जांच की निगरानी नहीं कर रहे हैं। हम जानना चाहते है कि पुलिस कहां तक मामले में पहुंची है।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।) 

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More