यूपी में नहीं थम रहा जहरीली शराब से मौतों का सिलसिला
आगरा के ताजगंज, शमसाबाद और डौकी थाना क्षेत्र में जहरीली शराब पीने से हुई कई लोगों की मौतें के बाद पूरे प्रदेश में हड़कंप मचा हुआ है। प्रदेश सरकार जहरीली शराब के धंधे पर लगाम लगाने में नाकाम लोगों पर दनादन कार्रवाई कर रही है।
यह पहला मौका नहीं जब जहरीली शराब के सेवन से एक साथ कई लोग अपनी जान गंवा बैठे हैं। हर साल प्रदेश में ऐसी घटनाएं होती हैं। इस वर्ष की ही बात करें तो अब तक एक दर्जन घटनाएं हो चुकी हैं जिनमें जहरीली शराब की वजह से बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई है। इन मौतों को रोकने के लिए यूपी में सख्त कानून बनाए गए हैं लेकिन सोना उगलने वाला यह मौत का धंधा कभी बंद नहीं हुआ।
जानलेवा साबित होती है नासमझी
बड़ी-बड़ी स्थापित फैक्ट्रियों में तैयार होने वाली शराब में इथाइल अल्कोहल का प्रयोग किया जाता है। इसके लिए इसकी तीव्रता घटानी पड़ती है। बड़ी शराब कंपनियां इन्हें बड़े बॉयलर और कई मशीनों से इनकी डेंसिटी को कम करके और इसमें बाकायदा फिल्टर पानी और एसेंस मिलाकर इसे बेचती हैं। जिस कंपनी का एसेंस और पानी की गुणवत्ता अच्छी होती है, वह शराब उतनी ही महंगी बिकती है। शराब बनाने की प्रक्रिया प्रशिक्षित लोग एक्सपर्ट्स की निगरानी में करते है।
वहीं खेतों-खलिहानों, ईंट-भट्ठों पर नकली शराब बनाने वाले ऐसी किसी भी तरह की जानकारी नहीं रखते हैं। कई बार वो इथाइल अल्कोहल की जगह मिथाइल अल्कोहल का प्रयोग करते हैं जो जहर का दूसरा रूप माना जाता है। दोनों का मिलता-जुलता नाम है इसलिए नकली शराब बनने वाले भ्रम में मिथाइल अल्कोहल में पानी मिलाकर इसका शराब की जगह प्रयोग कर लेते हैं। उसकी मात्रा का अनुपात व मानक स्तर मालूम नहीं होने के कारण वह शराब जहरीली हो जाती है।
कोई भी अल्कोहल शरीर में लीवर के जरिए अल्डिहाइड में बदल जाती है, लेकिन मिथाइल अल्कोहल फॉर्मेल्डाइड नामक के जहर में बदल जाता है। ये जहर सबसे ज्यादा आंखों पर असर करता है। नकली शराब बहुत ज्यादा पीने वाले के शरीर में फॉर्मिक एसिड नाम का जहरीला पदार्थ बनने लगता है। ये दिमाग के काम करने की प्रक्रिया पर असर डालता है।
दूसरे प्रदेशों से यूपी में आती है मिथाइल एल्कोहल
यूपी में 70 से ज्यादा शराब के कारखाने हैं। यहां इथाइल एल्कोहल से देसी और अंग्रेजी शराब बनायी जाती है। वहीं मिथाइल एल्कोहल एक जहर है जिसका का उपयोग रासायनिक उद्योगों में होता है। यूपी में इसका एक भी कारखाना नहीं है। मिथाइल एल्कोहल गुजरात और पूर्वोत्तर के जिलों से प्रदेश में आती है। जिन टैंकरों से इसे लाया जाता है उसे कारखानों में खाली करने के बाद 30 से 40 लीटर मिथाइल एल्कोहल बच जाती है।
टैंकर चालक कमाई के चक्कर में इसे नकली शराब कारोबारियों को बेच देते हैं. वहीं मिथाइल एल्कोहल तस्करी करके भी लायी जाती है। नकली शराब को पैक करने का सामान भी शराब फैक्ट्रियों के आसपास आसानी से मिल जाता है। वहां जमे स्क्रैप व्यापारी शराब फैक्ट्री के इस्तेमाल में नहीं आने वाली बाटल, कैप आदि जमा करते हैं। इन्हें नकली शराब कारोबारियों को औने-पौने दामों में बेच दिया जाता है। इसके अलावा चोरी-छुपे नकली शराब पैक करने के मैटेरियल छोटी-मोटी फैक्ट्रियों में तैयार किए जाते हैं।
शराब से सरकार को हो रही मोटी कमाई
शराब से उत्तर प्रदेश सरकार को जबरदस्त आय होती है। शराब कारोबार जैसे-जैसे फल-फूल रहा है उसकी आड़ में अवैध शराब का धंधा भी बढ़ रहा है। वित्त वर्ष 2019-2020 में 31517 करोड़ रुपये की आय यूपी को हुई। 2018-19 की बात करें तो उत्तर प्रदेश को देश में सबसे ज्यादा कमाई शराब की बिक्री के जरिए हुई थी। यूपी सरकार को शराब की बिक्री से 25,100 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी। शराब से होने वाली आय में बढ़ोत्तरी का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि वित्त वर्ष 2008-09 में सरकार ने शराब से 4,220 करोड़ की कमाई की थी जो 2012-13 में 9782 करोड़ रुपये हो गई थी। यह आंकड़ा 2013-14 में 11,600 करोड़ रुपये पहुंच गया।
हालांकि यूपी अवैध शराब की बिक्री निर्माण व तस्करी पर अंकुश लगाने के अभियान ने भी जोर पकड़ा है। आबकारी विभाग ने पिछले सप्ताह 32215 लीटर अवैध शराब बरामद की है। शराब बनाने के तैयार किए गए एक लाख 31 हजार 440 किलोग्राम लहन को नष्ट किया गया। अवैध शराब के कारोबार में लिप्त 443 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
बढ़ती जा रहीं जहरीली शराब की घटनाएं
8 जनवरी को बुलंदशहर में जहरीली शराब से 5 लोगों की मौत
26 फरवरी को महोबा जिले में जहरीली शराब से 5 लोगों की मौत
17 मार्च को प्रयागराज में जहरीली शराब से 9 लोगों की मौत
22 मार्च को चित्रकूट जिले में जहरीली शराब से 7 लोगों की मौत
1 अप्रैल को प्रतापगढ़ में जहरीली शराब से 6 से अधिक मौतें
1 अप्रैल को अयोध्या जिले में जहरीली शराब से 2 लोगों की मौत
2 अप्रैल को बदायूं जिले में जहरीली शराब पीने से 2 लोगों की मौत
28 अप्रैल को हाथरस जिले में जहरीली शराब से 5 लोगों की मृत्यु
12 मई को आजमगढ़ में जहरीली शराब से 18 लोगों की मौत
अम्बेडकरनगर में 12 मई को जहरीली शराब से 5 लोगों की मौत
12 मई को बदायूं जिले में जहरीली शराब से 2 लोगों की मौत
28 मई को अलीगढ़ जिले में जहरीली शराब पीने से 28 लोगों की मौत
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