सर्जरी के दौरान मरीज पढ़ता रहा हनुमान चालीसा और फिर जो हुआ…

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कहते है जब इंसान तकलीफ में होता है तो उसे भगवान ही याद आते हैं। ये वो विश्वास है जो इंसान को  हर दर्द तकलीफ से बाहर निकाल देता है। दर्द का एहसास भी  नही होता कि कब मुश्किल वक्त गुजर गया। ऐसा ही कुछ राजस्थान के बीकानेर में देखने को मिला।

जहां एक व्यक्ति को ब्रेन ट्यूमर की सर्जरी होनी थी। सर्जरी के दौरान हनुमान चालीसा पढ़ता रहा और डॉक्टरों ने उसका ब्रेन ट्यूमर निकाल दिया। बताया जा रहा है कि बीकानेर के डूंगरगढ़ के रहने वाले 30 साल के अकाउंटेंट को कई दिनों से मिर्गी के दौरे आ रहे थे।डॉक्टरों ने उसकी बायॉप्सी की तो पता लगा कि उन्हें ग्रेड 2 ब्रेन ट्यूमर है। इसके बाद उनकी सर्जरी गई।

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इस बारे में न्यूरो सर्जरी के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. केके बंसल ने बताया कि, ‘पेशेंट के सिर के एक हिस्से में ट्यूमर था जिससे उन्हें बोलने में दिक्कत होती थी। हमने जब बायॉप्सी की तो यह सामने आया कि उन्हें ग्रेड 2 ब्रेन ट्यूमर है। उनकी सर्जरी काफी क्रिटिकल थी क्योंकि उन्हें जिस हिस्से में डैमेज था उससे उनकी बोलने की क्षमता जा सकती थी। हमने कई रास्ते ढूंढें लेकिन जिस जगह ट्यूमर था वहीं हमें ऑपरेट करना पड़ा।

सर्जरी से इनकार कर दिया लेकिन…

डॉ. केके बंसल ने आगे बताया कि हमने डॉक्टर्स से कंसल्ट करके पेशेंट को बेहोश ना करने का फैसला किया। जब उन्हें हमने यह बात बताई तो वह बेहद घबरा गए। पहले तो उन्होंने सर्जरी से इनकार कर दिया लेकिन बाद में वो मान गए। फिर सर्जरी के दौरान हम उनसे बात करते रहे और वो हनुमान चालीसा पढ़ते रहे।

लोकल ऐनिस्थीसिया से नहीं महसूस हुआ दर्द…

सर्जरी के दौरान मरीज को दर्द ना हो इसके लिए उन्हें लोकल ऐनिस्थीसिया दिया गया। इससे वो बेहोश नहीं हुए। डॉ. केके बंसल का कहना है कि मरीज का हनुमान चालीसा पढ़ते रहना काफी मददगार साबित हुआ।क्योंकि इससे ना तो मरीज का ध्यान भटका और डॉक्टर्स भी आसानी से सर्जरी कर पाए और ट्यूमर निकाल दिया गया। भारत में यह अब तक का पहला मामला है जब सर्जरी के दौरान मरीज हनुमान चालीसा पढ़ता रहा।

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