भारतीय अधिकारियों को हनीट्रैप में फंसाने की पाकिस्तान की ‘नकाम’ कोशिश
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ने भारत के तीन अधिकारियों को हनीट्रैप में फंसाकर सीक्रेट जानकारियां निकलवाने की नाकाम कोशिश की। पाक में मौजूद भारतीय उच्च आयोग के तीनों अधिकारियों को फंसाने की कोशिश हुई थी, लेकिन वक्त रहते उनको सब समझ आ गया था। उन्होंने खुद ही इस बात की जानकारी अपने सीनियर्स को दी थी।
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अधिकारियों को बुलाया भारत वापस
तीनों अधिकारियों को फौरन वापस भारत बुला लिया गया था, अब तीनों से पूछताछ की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, सीनियर्स को अबतक यही लग रहा है कि तीनों सब सच बोल रहे हैं और पाकिस्तान उनसे किसी तरह की कोई जानकारी निकलवाने में कामयाब नहीं हुआ है। जिन तीन को पाकिस्तान हनीट्रैप के जाल में फंसाना चाहता था वे हाई कमीशन में सरकारी कागजातों का अनुवाद करने का काम किया करते हैं।
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तीन भारतीय अधिकारियों को फंसाने की कोशिश
जानकारी के मुताबिक 2010 में भी ऐसा ही कुछ मामला सामने आया था। तब हाई कमीशन की प्रेस डिवीजन में काम करने वाली माधुरी गुप्ता को गिरफ्तार किया गया था, उन्होंने कथित तौर पर आईएसआई के एक अधिकारी को सीक्रेट डॉक्यूमेंट सौंप दिए थे। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) द्वारा तीन भारतीय अधिकारियों को फंसाने के लिए हनीट्रैप का जाल बिछाने की साजिश का पर्दाफाश हो गया। अधिकारियों से अहम जानकारी हासिल करने के लिए आईएसआई ने यह जाल बुना था, जिसमें उसे मुंह की खानी पड़ी।
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तीनों अधिकारियों से हो रही पूछताछ
रिपोर्ट के मुताबिक, तीनों भारतीय अधिकारियों से अभी पूछताछ चल रही है। इसी सप्ताह तीनों अधिकारियों ने आईएसआई की इस साजिश के बारे में विभाग को जानकारी दी। जूनियर भारतीय अधिकारियों को पाकिस्तान के किसी स्थानीय होटल में ले जाकर आपत्तिजनक हालत में वीडियो और तस्वीरें लेने की योजना थी। इस वीडियो और तस्वीरों के जरिए अधिकारियों को ब्लैकमेल किया जा सके, यही आईएसआई की योजना थी।’ सरकार अगले कुछ दिनों में इस मामले पर कोई फैसला ले सकती है