अब रोज शाम को Namo Ghat पर गूजेंगे काशी की संगीत परम्परा के सुर
काशी वंदन कार्यक्रम का नमो घाट पर हुआ विधिवत शुभारंभ
उत्तर प्रदेश के स्टामप एवं न्यायालय पंजीयन शुल्क राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविन्द्र जायसवाल ने काशी विरासत संरक्षण समिति की ओर से “काशी वंदन“ कार्यक्रम का सोमवार को वाराणसी के नमो घाट पर विधिवत शुभारंभ किया. इस मौके पर उन्होंने कहाकि काशी आने वाले पर्यटकों को काशी की संस्कृति से अवगत कराने के लिए अब रोजाना सांस्कृतिक संध्या आयोजित किया जाएगा.
Also Read : रामोत्सव में डूबे बनारस के घाट
मंत्री ने कहाकि अयोध्या में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दिन काशी वंदन कार्यक्रम अद्भुत है. काशी की पहचान बाबा विश्वनाथ व मां गंगा से है. यहां पर तमाम सांस्कृतिक घराने हैं और यह विश्वप्रसिद्ध कलाकारों का शहर है. काशी के नमो घाट पर प्रतिदिन चैती, ठुमरी और भोजपुरी संगीत गुजेंगे. उन्होने कहा कि तीन लोकों से न्यारी शिव की काशी भारत की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में विख्यात है. प्राचीन काल से ही धर्म, दर्शन, आध्यात्म, शिक्षा, कला, साहित्य और संगीत के क्षेत्रों में काशी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती रही है. काशी के गायन, वादन, नर्तन की विभिन्न शैलियों के प्रणेता, विद्वान और कलाविदों ने अनेकों कीर्तिमान स्थापित कर काशी के गौरव को बढ़ाया है.
काशी की संगीत परम्परा मंदिर और दरबार के आश्रय में फली फूली
वाराणसी उत्तर भारतीय शास्त्रीय संगीत, उपशास्त्रीय संगीत और लोक संगीत की विभिन्न विधाओं से अत्यंत समृद्ध है. काशी का इतिहास रहा है कि यहां संगीत की परम्परा मंदिर व दरबार दोनों के आश्रय में फली फूली है. उन्होंने कहाकि काशी की संगीत परम्परा उत्तर भारतीय शास्त्रीय संगीत का निर्वहन करती है. यहां संगीत की विभिन्न विधाओं के साथ ध्रुपद, धमार आदि की प्राचीनतम परम्परा आज भी प्रचलित है. तत् वाद्य (तार वाले वाद्य) में वीणा, सितार, सारंगी, सुरबहार, सरोद आदि के वादन की परंपरा चली आ रही है. भारत रत्न से सम्मानित कलाकार उस्ताद बिस्मिल्लाह खान शहनाई के लिए ही जाने जाते हैं. अवनद्ध वाद्य (चमड़े से मढ़े) में बनारस घराना तबले का प्रमुख घराना माना जाता है. इसके अलावा पखावज वादन की परंपरा (जो ध्रुपद परम्परा से सम्बंधित है) भी है. नृत्य कला में उत्तर भारतीय शास्त्रीय नृत्य कथक जिसका बनारस घराना अत्यंत प्रचलित है. विश्वविख्यात कथक नर्तक गोपी किशन जी और कथक क्वीन सितारा देवी स्वयं बनारस घराने की प्रतिनिधि कलाकार रही हैं.
इन कलाकारों ने दी प्रस्तुतियां, इनकी रही मौजूदगी
इस अवसर पर काशी संगीत समूह केः पं सुखदेव मिश्र, पं विभाष महाराज, अंशुमान महाराज, हरिशंकर, सिद्धान्त मिश्र के अलावा अंकिता भट्टाचार्य, समृद्धि तिवारी, अंकित पॉल, वैशाली दास, प्रिया कश्यप, निर्जला रस्तोगी, हिमांशी रस्तोगी, तनुश्री गुप्ता, स्वामीनाथन सुंदरी, शुभांगी वर्मा, रितिका पॉल व रिया नंदी आदि कलाकारों ने विभिन्न कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी. इस अवसर पर महापौर अशोक तिवारी, पुलिस आयुक्त अशोक मुथा जैन, जिलाधिकारी एस.राजलिंगम, मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल, एडीएम सिटी आलोक वर्मा, एडीएम प्रोटोकाल, जिला सांस्कृतिक अधिकारी सुभाष यादव आदि रहे. इस आयोजन में कोई भी कलाकार अपनी प्रस्तुति दे सकता है. इसके लिए उन्हें काशी वन्दन की वेबसाईट https://kashivandan.com के माध्यम से आवेदन करना होगा.