उत्तर कोरिया में आज़ादी नाम की कोई चीज़ नही : दक्षिण कोरियाई पत्रकार

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उत्तर कोरिया(Korea)मे एक खुफिया अभियान के तहत वहां 6 महीने गुज़ार चुके दक्षिण कोरिया को पत्रकार का कहना कि उत्तर कोरिया के नागरिको को भावी सैनिकों के रूप में तैंयार किया जाता है और वहा आज़ादी नाम कीई चीज़ नही हैं ।

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पिछले 6 महीने से खुफिया तरिके से थे पत्रकार सुकी किम

उत्तर कोरिया में 2011 में छह महीने खुफिया मिशन पर रही पत्रकार सुकी किम ने शनिवार को सीएनएन को बताया, “वहां जवानों की जिंदगी पूरी तरह से देश के सर्वोच्च नेता के अनुसार ही योजनाबद्ध होती है। बाहर से किसी तरह की सूचना पर रोक है। यह पूरी तरह से बेड़ियों में जकड़ी हुई प्रणाली है।”

सुकी 
किम ने सीएनएन को वहां पूरा ब्योरा दिया

किम ने सीएनएन को बताया, “उत्तर कोरिया को समझने के बाद कह सकती हूं कि वहां पर सैन्य तानाशाही है और संचार व्यवस्था पूरी तरह से बाधित है।”

पूरे विश्व से कट चुका है दक्षिण कोरिया

वह कहती हैं, “जब आप पूरे विश्व को अपने देश से पूरी तरह से काट देते हैं तो आप ऐसे में अपने लोगों को अन्य चीजों के बारे में कैसे बता पाएंगे?

शिक्षा प्रणाली में इंटरनेट का नामोंनिशान तक नही

किम ने कहा कि उत्तर कोरिया के विश्वविद्यालय की कंप्यूटर शिक्षा कार्यक्रम में इंटरनेट का नामोंनिशान नहीं है। वहां एक इमारत है, जहां आप देश के सर्वोच्च नेताओं के बारे में पढ़ सकते हैं। आप वहां जाइए और पढ़े।
वहां सिर्फ एक ही न्यूज़ चैंनल हैँ जिसपे नेताओ का गुणगान होता हैँ ।
किम के मुताबिक, वहां नागरिकों के लिए सिर्फ एक ही समाचार पत्र और एक ही टीवी चैनल है, जिस पर नेताओं का गुणगान होता है।
किम कहते हैं, “यह दुनिया का सबसे दुखद स्थान है।

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