नए यूपी में माफियाओं को संरक्षण नहीं, केवल मानमर्दन : CM योगी आदित्यनाथ

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यूपी ने वह दौर भी देखा है जब अपराधी-माफिया राजनीतिक दलों की नीतियां तय करते थे। सत्ता इन्हें सिर-आंखों पर रखती थी, जिसकी बदौलत यह लोग खूब फले-फूले। गरीबों की जमीनों पर काबिज कर महल खड़े कर लिए। पर अब यह सब नहीं चलेगा। यह नया यूपी है, जो अपराधियों का मानमर्दन करता है। मुख्यमंत्री शुक्रवार को लखनऊ स्थित अपने आवास पर मल्हनी (जौनपुर) विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव के मद्देनजर वहां के बूथ, मंडल और सेक्टर के प्रमुख पदाधिकारियों की वर्चुअल बैठक को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि, “विकास का कोई विकल्प नहीं। कोरोना के अभूतपूर्व संकट के दौरान भी 87 लाख पात्रों बुजुर्गों, विधवाओं और विकलांगों को एडवांस पेंशन, चार करोड़ घरों को बिजली, 41 लाख लोगों को रसोई गैस के कनेक्शन, गरीबों के बच्चों की बेहतर शिक्षा के लिए अटल आवासीय विद्यालय, प्रदेश की 24 करोड़ से अधिक जनता के बेहतर स्वास्थ्य के लिए पहले चरण में हर मंडल में मेडिकल कॉलेज, विश्वस्तरीय बुनियादी संरचना के लिए पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे और गंगा एक्स्प्रेस-वे का निर्माण, देश और दुनिया को बेहतर कनेक्टिविटी देने के लिए जेवर, कुशीनगर, अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय स्तर के हवाई अड्डे के साथ अन्य जगहों पर एयरपोर्ट का निर्माण इसका सबूत है।”

समाज को बांटने का वही पुराना हथकंडा अपना रहा विपक्ष-CM

योगी ने कहा कि, “कुछ लोग जिनकी सोच में ही विकास नहीं है। जिनकी सोच जाति, मजहब, धर्म और क्षेत्र तक सीमित है। जो पार्टी को परिवार की तरह चलाते हैं। अराजकता और भ्रष्टाचार जिनकी पहचान है। जिनके जमाने में विकास के 90 फीसदी पैसे का बंदरबाट हो जाता था, उनको बिना भेदभाव के पूरी पारदर्शीता के साथ हो रहे विकास के कार्य और गरीबों की खुशहाली रास नहीं आ रही है। लिहाजा वह समाज को बांटने का वही पुराना हथकंडा अपना रहे हैं। पर अब ऐसे लोगों की दाल गलने वाली नहीं। जनता सब जान चुकी है। लगातार उनको बता भी रही है। उपचुनाव में भी बताएगी। ”

चुनाव का मुख्य हथियार

प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने कहा कि, “संवाद और संपर्क कोरोना के कारण बदले हालात में हो रहे इस चुनाव का मुख्य हथियार होगा। इसके आधार पर अगर आप अधिक से अधिक मतदान करा ले गये, तो जीत सुनिश्चित है। मैं जानता हूं कि भाजपा के कार्यकर्ता साल भर 24 घंटे तैयार रहते हैं। जरूरत सिर्फ समय के अनुसार रणनीति के अनुसार फोकस बढ़ाने की है।

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