केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को राज्यसभा में टोल टैक्स को लेकर एक महत्वपूर्ण घोषणा की. उन्होंने बताया कि सरकार जल्द ही टोल नीति में बदलाव करने जा रही है, जिससे उपभोक्ताओं को कुछ राहत मिल सकेगी. हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बेहतर सड़कों के निर्माण और रखरखाव के लिए टोल टैक्स आवश्यक रहेगा.
गडकरी ने कहा कि सरकार देशभर में उच्च गुणवत्ता वाली सड़कें बना रही है, जिसमें चार लेन और छह लेन की परियोजनाएं शामिल हैं. विशेष रूप से असम राज्य में इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर जोर दिया जा रहा है, जहां करीब 3 लाख करोड़ रुपये की लागत से सड़कें और पुल बनाए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि ब्रह्मपुत्र नदी पर कई पुलों का निर्माण किया जा रहा है, जिससे क्षेत्र की कनेक्टिविटी में सुधार आएगा.
टोल प्रणाली में सुधार की तैयारी
मौजूदा टोल प्रणाली को लेकर अक्सर सवाल उठते रहे हैं, खासकर टोल प्लाजा की संख्या और उनके स्थान को लेकर. इस पर गडकरी ने स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर 2008 के नियमों के अनुसार, एक ही दिशा में 60 किलोमीटर के दायरे में दूसरा टोल प्लाजा नहीं हो सकता. इस नियम का पालन किया जा रहा है, ताकि यात्रियों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ न पड़े.
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नई टोल नीति की घोषणा जल्द
मंत्री ने बताया कि संसद सत्र समाप्त होने के बाद सरकार एक नई टोल नीति की घोषणा करेगी, जिसमें उपभोक्ताओं की चिंताओं को दूर करने के प्रयास किए जाएंगे. इस नीति के लागू होने से टोल से जुड़ी कई समस्याओं का समाधान संभव होगा और लोगों को उचित रियायत भी मिलेगी.
सरकार की बढ़ती टोल आय
भारत में टोल कलेक्शन की राशि हर साल बढ़ रही है, जो सड़क निर्माण और विकास कार्यों में सहायक साबित हो रही है. वित्तीय वर्ष 2023-24 में टोल से कुल 64,809.86 करोड़ रुपये की आय हुई, जो पिछले वर्ष की तुलना में 35% अधिक है. वहीं, 2019-20 में यह आंकड़ा 27,503 करोड़ रुपये था.
यह दर्शाता है कि देशभर में टोल आधारित सड़क परियोजनाओं की संख्या बढ़ रही है और सरकार इस राजस्व को सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत करने में लगा रही है. हालांकि, नई नीति में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि आम जनता को बेहतर सुविधाएं मिलें और टोल को लेकर कोई विवाद न हो.
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टोल व्यवस्था में पारदर्शिता और उपभोक्ता हितों की रक्षा
गडकरी ने आश्वासन दिया कि सरकार टोल नीति में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए काम कर रही है. उन्होंने जानकारी दी कि टोल केवल फोर लेन या उससे अधिक की सड़कों पर लिया जा रहा है, जबकि टू लेन वाली पक्की सड़कों पर कोई टोल लागू नहीं लिया जाता.