निर्भया के दोषियों के परिवार की नई तिकड़म, राष्ट्रपति से कहा-मरने के सिवा कोई रास्ता नहीं
दोषियों के परिजनों का कहना है कि ऐसे कोई पाप नहीं हैं जिसे माफ नहीं किया जा सकता है
निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले में चारों दोषियों को 20 मार्च की सुबह साढे 5 बजे फांसी होगी। इसके लिए तिहाड़ जेल में तैयारियां भी शुरू कर दी गई है। इस बीच रविवार को चारों दोषियों मुकेश, अक्षय, पवन और विनय के परिवार के सदस्यों ने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को पत्र लिखकर इच्छामृत्यु की अनुमति मांगी है।
इच्छामृत्यु की मांग करने वालों में दोषियों के बुजुर्ग माता-पिता, भाई-बहन और बच्चे हैं। पत्र में लिखा गया है, ‘हम आपसे (राष्ट्रपति) और पीड़िता के माता-पिता से अनुरोध करते हैं कि वे हमें इच्छामृत्यु की अनुमति दें। साथ ही भविष्य में होने वाले किसी भी अपराध को रोकें ताकि निर्भया जैसी दूसरी घटना न हो और अदालत को एक ही स्थान पर पांच लोगों को फांसी देने की आवश्यकता न पड़े।’
साथ ही दोषियों के परिजनों का कहना है कि ऐसे कोई पाप नहीं हैं जिसे माफ नहीं किया जा सकता है। ‘हमारे देश में, महापापी तक को माफ कर दिया जाता है। बदला शक्ति की परिभाषा नहीं है। क्षमा करने में शक्ति है।’
16 दिसंबर 2012: 6 दोषियों ने निर्भया से दरिंदगी की थी-
अपने मित्र के साथ जा रही एक पैरामेडिकल छात्रा के साथ एक निजी बस में 6 लोगों ने बर्बरतापूर्वक सामूहिक दुष्कर्म करने और क्रूरतापूर्ण हमला करने बाद उसे जख्मी हालत में उसके दोस्त के साथ चलती बस से बाहर फेंक दिया गया। पीड़ितों को सफदरगंज अस्पताल में भर्ती कराया गया
पीड़िता की हालत और गंभीर हो गई जिसे देखते हुए सरकार ने पीड़िता को विमान से सिंगापुर के माउण्ट एलिजाबेथ अस्पताल में स्थानांतरित कराया। 29 दिसंबर 2012 को पीड़िता ने गंभीर चोटों और शारीरिक समस्याओं से जूझते हुए सुबह 2 बजकर 15 मिनट पर दम तोड़ दिया।
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