निर्भया मामला: दोषी पवन गुप्ता की याचिका खारिज, घटना के वक्त नहीं था नाबालिग

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निर्भया मामले में मौत की सजा पाये मुजरिमों में से एक पवन गुप्ता के अपराध के समय नाबालिग होने के दावे पर उच्चतम न्यायालय में सोमवार को सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने पवन कुमार गुप्ता को दोषी ठहराते हुए उसके द्वारा दायर विशेष अवकाश याचिका (SLP) को खारिज कर दिया।

दलीलों को सुनने के बाद न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए निर्भया गैंगरेप में फांसी की सजा पाए दोषी पवन गुप्ता के नाबालिग होने के दावे को खारिज कर दिया। मुजरिम ने उसके नाबालिग होने के दावे को अस्वीकार करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी।

सजा पर बहस के दौरान उठाया गया मुद्दा-

न्यायमूर्ति आर भानुमति की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष दोषी पवन गुप्ता के वकील ने दावा किया था कि दिसंबर, 2012 में इस अपराध के समय पवन नाबालिग था और उच्च न्यायालय ने गलत तरीके से उसकी इस दलील को अस्वीकार कर दिया था।

पीठ ने कहा कि अपराध के समय दोषी के नाबालिग होने की दलील निचली अदालत में मुकदमे की सुनवाई के दौरान नहीं दी गयी थी। हालांकि , पवन के वकील ने दलील दी कि इस मामले में सजा पर बहस के दौरान यह मुद्दा उठाया गया था।

पवन गुप्ता ने उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ शुक्रवार को शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी।

छह लोगों ने किया था गैंगरेप-

दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को चारों दोषियों-विनय शर्मा, मुकेश कुमार, अक्षय कुमार सिंह और पवन- की मौत की सजा पर एक फरवरी को अमल करने के लिये नये सिरे से आवश्यक वारंट जारी किये थे।

निर्भया के साथ 16-17 दिसंबर, 2012 की रात में दक्षिण दिल्ली में चलती बस में छह व्यक्तियों ने सामूहिक बलात्कार के बाद उसे बुरी तरह जख्मी हालत में सड़क पर फेंक दिया था। निर्भया की बाद में 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर के एक अस्पताल में मृत्यु हो गयी थी।

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