कोलकाता रेप-मर्डर केस में नया मोड़, ASI अनूप दत्ता का होगा पॉलिग्राफ टेस्ट
. सीबीआई ने अब कोलकाता पुलिस के ASI अनूप दत्ता का पॉलिग्राफ टेस्ट कराने का निर्णय लिया है. बुधवार यानी आज या फिर गुरुवार को यह टेस्ट कराया जा सकता है.
कोलकाता रेप-मर्डर केस की गुत्थी अभी तक सुलझ नहीं पाई है. पूरे मामले में सीबीआई कोलकाता की प्रेसीडेंसी जेल में बंद मुख्य आरोपी संजय रॉय और मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉक्टर संदीप घोष समेत सात लोगों का पॉलिग्राफ टेस्ट करा चुकी है. सीबीआई ने अब कोलकाता पुलिस के ASI अनूप दत्ता का पॉलिग्राफ टेस्ट कराने का निर्णय लिया है. बुधवार यानी आज या फिर गुरुवार को यह टेस्ट कराया जा सकता है. सीबीआई सूत्रों के अनुसार, कोलकाता पुलिस में एएसआई अनूप दत्ता का लाई डिटेक्टर टेस्ट कराने का उद्देश्य मुख्य आरोपी संजय रॉय के साथ उनकी निकटता और वारदात की रात की जानकारी प्राप्त करना है.
जानकारी के अनुसार मुख्य आरोपी संजय सिविल वालंटियर संजय रॉय, एएसआई दत्ता की बैरक में ही रहता था और दोनों में गहरी दोस्ती थी. सीबीआई को संदेह है कि वारदात में अनूप दत्ता कुछ छिपा रहा है. इसलिए सीबीआई ने अनूप दत्ता का पॉलिग्राफ टेस्ट कराए जाने का फैसला लिया है.
सीबीआई ने नहीं दी डीएनए रिपोर्ट की जानकारी
दूसरी ओर, मंगलवार को सीबीआई ने डीएनए रिपोर्ट के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी. हालांकि सूत्रों का कहना है कि सीबीआई को डीएनए रिपोर्ट मिली है, जिसे और पुष्टि के लिए दिल्ली एम्स के विशेषज्ञ डॉक्टरों से सलाह ली जाएगी.
वहीं इस पूरे मामले में सीबीआई को मुख्य आरोपी संजय रॉय के खिलाफ कई सबूत मिले हैं.
सीबीआई को मिल रही कड़ी चुनौती
इस केस को सुलझाना सीबीआई के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है. सवाल उठता है कि अगर रेप-मर्डर मिस्ट्री में जेल में बंद आरोपी संजय रॉय ही अकेला शामिल था, तो फिर अन्य लोगों के पॉलिग्राफ टेस्ट क्यों कराए जा रहे हैं ? और अगर अन्य लोग भी इस वारदात में शामिल हैं, तो उनकी गिरफ्तारी क्यों नहीं हो रही ?
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क्या सीबीआई किसी बड़ी ‘मछली’ का इंतजार कर रही है, जिसके खिलाफ कार्रवाई से पहले वह ठोस सबूत जुटाना चाहती है, ताकि कोर्ट में केस को मजबूती से पेश किया जा सके ?
मुख्य आरोपी संजय रॉय के अलावा, मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष समेत छह अन्य संदिग्धों के भी पॉलिग्राफ टेस्ट हो चुके हैं. वहीं, अगर जरूरत पड़ती है तो इनका ब्रेन मैपिंग या नारको टेस्ट भी कराया जा सकता है. हालांकि, इससे पहले सीबीआई किसी ठोस सबूत की तलाश में है.