केरल में विदेश से लौटने वालों के लिए कोरोना नेगेटिव प्रमाणपत्र रखना अनिवार्य किए जाने के बाद आलोचना का सामना कर रहे राज्य के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने अब एक और फरमान सुना दिया है।
स्वास्थ्य प्रमाणपत्र 20 जून से अनिवार्य
उन्होंने बुधवार को कहा कि विदेश से आने वालों को अब पीपीई किट भी पहनना होगा। विजयन ने कैबिनेट की साप्ताहिक बैठक की अध्यक्षता करने के बाद यह बात कही। इससे पहले, विदेश से आने वालों के लिए स्वास्थ्य प्रमाणपत्र 20 जून से अनिवार्य किया गया था, लेकिन बाद में तारीख 25 जून के लिए टाल दी गई।
‘अव्यावहारिक’ सुझाव लागू नहीं करने का आग्रह
सूत्रों के अनुसार, विजयन ने अब जोर देकर कहा है कि यह सुनिश्चित करना एयरलाइनों की जिम्मेदारी होगी कि आने वाले सभी यात्री पीपीई किट पहनें।
पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी जो विजयन के ‘अव्यावहारिक’ सुझाव लागू नहीं करने का आग्रह करते आए हैं, उन्होंने मगर नए उनके फैसले का स्वागत किया है।
स्वास्थ्य प्रमाणपत्र पर जोर देना अव्यावहारिक
चांडी ने कहा, “हमारी एकमात्र मांग यह है कि लिया गया कोई भी निर्णय व्यावहारिक होना चाहिए। स्वास्थ्य प्रमाणपत्र पर जोर देना अव्यावहारिक था। हमारे लोगों के लिए इसे प्राप्त करना कैसे संभव है, जब मध्य-पूर्व के कई देशों में ऐसी सुविधाएं नहीं हैं? पीपीई किट के संबंध में, हम केरल सरकार से यात्रियों को सुरक्षात्मक चीजें प्रदान करने का आग्रह करते हैं।”
वहीं, विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि विजयन जैसे शख्स को अंदाजा नहीं है कि वह क्या कर रहे हैं।
पीपीई किट पहनने का नया फरमान
यूनियन मुस्लिम लीग के वरिष्ठ नेता व लोकसभा सदस्य पी.के. कुन्हालीकुट्टी ने कहा कि कोई यह समझने में नाकाम रहा है कि विजयन केरल के प्रवासियों को वापस लाने के संबंध में ‘अव्यावहारिक निर्णय’ क्यों ले रहे हैं।
उन्होंने कहा, “जो कुछ वह कर रहे हैं, उससे स्पष्ट है कि वह नहीं चाहते हैं कि हमारे प्रवासी लौटें और अब पीपीई किट पहनने का यह नया फरमान आ गया।”
केरल में 7 मई से लेकर अब तक 80,000 लोग विदेशों से लौटे हैं।
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