महिला मरीज को अस्पताल में बंद कर ताला लगा गए डॉक्टर, फिर हुआ ये…
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में सरकारी अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मियों की घोर लापरवाही सामने आई है। यहां चिकित्सक एक महिला को ड्रीप लगाकर हॉस्पिटल के वार्ड का ताला लगाकर रफूचक्कर हो गया। महिला कई घंटे कमरे में बंद रही जिससे उसकी हालत और बिगड़ गई।
हद तो उस वक्त हो गई जब महिला को अपनी दो साल की बच्ची की प्यास को बुझाने के लिए टॉयलेट की टंकी का पानी पिलाना पड़ा। महिल ने बमुश्किल मदद मांगकर कमरा खुलवाया। भैंसानी की महिला को उल्टी-दस्त की बीमारी के चलते फलौदा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में भर्ती कराया गया था।
सीएचसी पर तैनात चिकित्सक डॉ. मोहित और स्टॉफ ने महिला को ड्रीप लगाकर प्राथमिक उपचार तो दिया लेकिन उसके बाद बीमार महिला और उसकी दो साल की बच्ची को कमरे के बाहर ताला लगाकर वहां से चले गए।
जब महिला की ड्रीप खत्म को गई तो उसे ब्लीडिंग शुरू हो गई। महिला ने चिकित्सकों और स्टाफ को आवाज लगाई लेकिन स्वास्थ्यकर्मी वहां पर थे ही नहीं।
इस बीच महिला की बच्ची को प्यास लगी और पानी के लिए भीषण गर्मी में बिलबिलाने लगी। वार्ड में पीने के पानी की सुविधा न होने के कारण महिला ने बच्ची को मजबूरन टॉयलेट का पानी पिलाया।
कई घंटों की जद्दोजहद के बाद किसी तरह से शोर मचाकर महिला ने मदद मांगी और बाहर निकली। इसके बाद महिला ने पति और सास के साथ पीएचसी पहुंचकर अपना इलाज कराया।
बताया जा रहा है कि पुरकाजी नगर पंचायत क्षेत्र में विधायक का कोई कार्यक्रम था जहां शामिल होने के चक्कर में स्वास्थ्य केंद्र का स्टाफ बीमार महिला को वार्ड में ताला मारकर चले गए थे। सभी स्वास्थ्यकर्मी ये भूल गए कि एक बीमार महिला स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती है।
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