पीएम ई-बस योजना के तहत वाराणसी को नए साल में 100 नई इलेक्ट्रिक बसें मिलने वाली हैं. इन बसों के जुड़ने से शहर में इलेक्ट्रिक बसों की संख्या 150 हो जाएगी. इसके साथ ही इन बसों का संचालन अब ग्रामीण क्षेत्रों तक भी बढ़ाने का निर्णय लिया गया है.
बस शेल्टर बनने के स्थान
नगर आयुक्त व वाराणसी सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड (वीसीटीएसएल) के सीएमडी अक्षत वर्मा ने बताया कि इलेक्ट्रिक बस मिलने के बाद सभी डीजल बसें बनारस से बाहर कर दी जाएंगी. वहीं जेपी मेहता इंटर कॉलेज, चौकाघाट, कैंट बस स्टेशन के सामने, विद्यापीठ, भेलूपुर, कीनाराम आश्रम के पास, रविंद्रपुरी, रविदास गेट व लंका सहित दस स्थानों पर बस शेल्टर बनाया जाएगा .
डिजिटल सुविधाएं
बस शेल्टर में यात्रियों को वास्तविक समय पर बसों की जानकारी डिस्प्ले के माध्यम से मिलेगी .यह बताएगा कि कौन सी बस किस समय बस स्टॉप पर पहुंचेगी.
डीजल बसों पर रोक
पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए जेएनएनयूआरएम योजना के तहत 134 डीजल बसों का संचालन पूरी तरह से बंद करने का निर्णय लिया गया है .ये बसें अपनी अवधि पूरी कर चुकी हैं और अनफिट घोषित की गई हैं. इलेक्ट्रिक बसों की संख्या बढ़ने के बाद डीजल बसों का संचालन बंद कर दिया जाएगा.
वित्तीय योजना
बस शेल्टर निर्माण का खर्च वाराणसी विकास प्राधिकरण (वीडीए) वहन करेगा. साथ ही, शेल्टर पर विज्ञापन से होने वाली आय नगर निगम और वीडीए के बीच समान रूप से विभाजित होगी.
यात्रियों की सुविधा
इस कदम से यात्रियों को सड़क किनारे बस का इंतजार करने की जरूरत नहीं होगी. स्मार्ट बस शेल्टर में बैठने और चार्जिंग की सुविधाएं उपलब्ध होंगी, जिससे यात्रा अधिक आरामदायक और सुविधाजनक होगी.