देश में क्यों लाए वन नेशन- वन इलेक्शन, नड्डा ने किया खुलासा…

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नई दिल्ली: वन नेशन- वन इलेक्शन पर मचे बवाल के बीच आज जेपी नड्डा ने बड़ा बयान दिया है. नड्डा ने कहा कि अनुच्छेद 356 को रोकने के लिए वन नेशन- वन इलेक्शन बिल लाया गया है.अनुच्छेद-356 राष्ट्रपति शासन से संबंधित है, जहां किसी राज्यपाल की सिफारिश पर केंद्र उस राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाती है.

इतिहास को देखते हुए फैसला…

बता दें कि संसद में संविधान पर बहस के दौरान बोलते हुए नड्डा ने कहा कि कांग्रेस की पूववर्ती सरकारों द्वारा अनुच्छेद-356 के बार-बार किए गए दुरुपयोग के इतिहास को देखते हुए सरकार ने एक देश- एक चुनाव विधेयक लाने का फैसला किया है.अपने भाषण के दौरान नड्डा ने कांग्रेस पर संविधान की भावना को बदलने और उसे पुन: लिखने का प्रयास करने का आरोप लगाया.

आपके चलते लाना पड़ रहा एक देश-एक चुनाव…

नड्डा ने कहा कि आज आप लोग एक देश एक चुनाव के विरोध में खड़े हैं. आपके कारण ही एक देश- एक चुनाव लाना पड़ रहा है. इसके पूर्व 1952 से 1967 तक देश में एक साथ ही चुनाव होते थे. आपने (कांग्रेस) अनुच्छेद 356 के इस्तेमाल से राज्यों की चुनी हुई सरकारों को बार-बार गिराया और ऐसा कर आपने कई राज्यों में अलग-अलग चुनाव की स्थिति लाकर खड़ी कर दी.

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इंदिरा ने 50 और मनमोहन ने 10 बार किया इस्तेमाल…

जेपी नड्डा ने अनुच्छेद-356 का आंकड़ा सदन में रखते हुए कहा कि कांग्रेस की सरकार ने इसका 90 बार इस्तेमाल किया. सबसे ज्यादा इंदिरा गांधी ने 50 बार अनुच्छेद-356 का इस्तेमाल किया. उन्होंने इस दौरान इंदिरा के आपातकाल का भी जिक्र किया.

नड्डा ने आगे कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने आठ बार, राजीव गांधी ने नौ बार और मनमोहन सिंह ने 10 बार अनुच्छेद 356 का दुरुपयोग किया.

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