कल्पना कीजिये कि आप किसी ऐसी जगह पर अकेले फंस गए हो, जहां पर जमीन ही ना हो. खाने के लिए नाम मात्र की चीजें हो और मदद के लिए दूर-दूर तक कोई परिंदा भी न हो तो ऐसी दशा में आप क्या करेंगे? शायद आपका करना बंद कर दे और आप अपने जीवन के अंतिम दिन गिनने लगे. लेकिन, ऐसा कोलंबिया में हुआ है, जहां एक लापता शख्स ने समुद्र के बीचोंबीच 24 दिन गुजार दिए. इन 24 दिनों में उसने अपनी भूख मिटाने के लिए टोमैटो केचप, मैगी और गार्लिक पाउडर खाया. जिसके बाद उसका रेस्क्यू कोलंबियाई नौसेना ने कड़ी मशक्कत से किया. आइये जानते हैं पूरे घटनाक्रम के बारे में…
Also Read: ऑस्ट्रेलिया: रेंजर्स को मिला दुनिया का सबसे बड़ा मेंढक, जानें इस विशालकाय प्रजाति की अनोखी बातें
अधिकारियो ने बताया कि एल्विस फ्रेंकोइस की समझदारी की वजह से आज उसकी जान बची है एल्विस फ्रेंकोइस ने बताया कि उसे बचाने से पहले पिछले 24 दिन उसने एक सेलबोट पर केचप खाके जिन्दा रहा. जिसकी जानकारी देश के नौसेना प्राधिकरण ने दी. एल्विस का एक वीडियो कोलंबियाई नौसेना द्वारा जारी किया गया है, जिसमे वह कहता हुआ नजर आ रहा है’ मेरे पास खाना नहीं था. नाव पर केचप की बोतल, लहसुन पाउडर और मैगी थी. जिसे उसने लगातार 24 दिन तक थोड़े-थोड़े पानी में मिलकर खाता रहा जिससे वह जिन्दा रह सके.
नौसैनिक पेट्रोलिंग पर थे तो उन्होंने टापू पर पतवार को देखा, जिसपर हेल्प लिखा हुआ था. इसके बाद नौसैनिकों ने खोजबीन शुरू किया तो एल्विस ला गुआजीरा के उत्तरी विभाग में प्यूर्टो बोलिवार के उत्तर-पश्चिम में 120 समुद्री मील की दूरी पर मिला. एल्विस ने कहा कि उन्होंने अन्य नावों को गुजरते हुए देखा और उन्हें झंडी दिखाने की कोशिश की, यहां तक कि उसने आग भी लगाई, लेकिन उन्होंने उन्हें नहीं देखा.
बयान में कहा गया है, ‘नेविगेशन के बारे में जानकारी के बिना वह खो गया था और समुद्र में भटक गया था. पोत और उपकरण को चलाने के उनके प्रयासों का कोई फायदा नहीं हुआ. फ्रेंकोइस ने कहा, ’24 दिन, कोई जमीन नहीं. कोई भी बात करने के लिए नहीं. पता नहीं क्या करना है. नहीं जानते कि आप कहां हैं. यह कठिन था. जब भी उम्मीद खोता तो मैं अपने परिवार को याद करता था.’
Also Read: चीन में 6 दशक के इतिहास में पहली बार जनसंख्या में गिरावट, जानें कारण
नौसेना के द्वारा जारी किए गए वीडियो में दिख रहा है कि डॉक्टर एल्विस फ्रेंकोइसकी जांच कर रहे है जिसमे वह स्वस्थ नजर आ रहा है. एल्विस ने बताया की यह मेरे लिए बहुत कठिन था. मुझे नहीं पता कि आज में कैसे जीवित हूं, लेकिन मैं जीवित हूं. और मैं इसके लिए आभारी हूं.
Also Read: 160 साल की हुई लंदन मेट्रो, पहली बार इस स्टेशन के बीच चली थी अनोखी ट्यूब, जानें इतिहास