ऋषि सुनक पर पुलिस ने लगाया भारी जुर्माना, पहले भी पेनल्टी भर चुके हैं ब्रिटिश PM
ब्रिटेन में ट्रैफिक रूल्स को लेकर पुलिस कितनी ज्यादा सख्त है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि ब्रिटेन की पुलिस ने वहीं के ही पीएम ऋषि सुनक पर भारी जुर्माना लगाया है. दरअसल, ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक पर ये जुर्माना चलती कार में सीटबेल्ट न लगाने के कारण लगा है. जिसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. ये वीडियो सामने आने के बाद ही ब्रिटेन में पुलिस ने ब्रिटिश पीएम पर एक्शन लिया है.
ब्रिटेन की लंकाशायर पुलिस ने प्रधानमंत्री ऋषि सुनक का 100GBP (लगभग 10000 भारतीय रुपये) का चालान काटा है । ऋषि सुनक बिना सीट बेल्ट लगाए चलती कार में देखे गए थे । वीडियो वायरल होने के बाद कार्रवाई हुई है ।#RishiSunak #LancashirePolice pic.twitter.com/1SEqdmIJBP
— Raja Pal (@Rraja_pal) January 20, 2023
दरअसल, पीएम ऋषि सुनक ने जब यह वीडियो बनाया तब वह उत्तरी इंग्लैंड के लांकशायर में थे. वीडियो में सुनक ने सरकार के ‘लेवलिंग अप’ खर्च के नवीनतम दौर को बढ़ावा देने को प्रमोट किया. इस मामले में लांकशायर पुलिस ने कहा कि लंदन में ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक को लेकर एक फिक्स्ड पेनल्टी की सशर्त पेशकश की है.
सोशल मीडिया पर ऋषि सुनक का जो वीडियो वायरल हो रहा है, उसमें आप देख सकते हैं कि ना तो वह खुद कार ड्राइव कर रहे थे और न ही कार की अगली सीट पर बैठे थे. वह पीछे की सीट पर बैठे हुए थे. कार चलने के दौरान वो अपने मोबाइल से एक वीडियो बना रहे थे. इस मामले पर ब्रिटेन के पीएम आवास 10 डाउनिंग स्ट्रीट की ओर से एक बयान में कहा गया कि
‘ऋषि सुनक ने पूरी तरह से अपनी गलती मान कर माफी मांगी है. वह जुर्माना देने के लिए तैयार हैं. वो मानते हैं कि सभी को सीट बेल्ट लगानी चाहिए.’
बता दें ब्रिटेन में अगर कोई यात्री सीटबेल्ट नहीं पहनता तो उस पर 100 पाउंड यानि 10 हजार रुपए का जुर्माना लगता है. अगर जुर्माना ना भर पाने की दशा में मामला कोर्ट में जाता है तो उस पर 500 पाउंड यानि 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है.
इससे पहले ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक पर ऐसा जुर्माना जून, 2020 में लगा था. उस समय तत्कालीन डाउनिंग स्ट्रीट में पीएम बोरिस जॉनसन की जन्मदिन पार्टी थी, जिसमें हिस्सा लेने के दौरान कोरोना नियमों के उल्लंघन में ऋषि सुनक पर जुर्माना लगाया गया था.
बता दें फिक्स्ड पेनल्टी नोटिस का मतलब जुर्माना होता है. इसे 28 दिनों के अंदर भरना होता है या फिर कोर्ट में इसके खिलाफ चुनौती देनी होती है. अगर कोई इस मामले में कोर्ट जाता है तो पुलिस जुर्माने की समीक्षा करती है और देखती है कि क्या फाइन को वापस लेना चाहिए या कोर्ट में लड़ना चाहिए.
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