‘जेडीएस विधायकों को 100 करोड़ का लालच दे रही थी भाजपा’

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जनता दल (सेक्युलर) नेता एचडी कुमारस्वामी ने भारतीय जनता पार्टी पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि बीजेपी ने जेडी (एस) विधायकों को खरीदने के लिए 100 करोड़ रुपये की पेशकश की। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि विधायकों को लालच दिया गया कि अगर वह बीजेपी का समर्थन करते हैं तो उन्हें राज्य मंत्रिमंडल में भी जगह दी जाएगी। उन्होंने बीजेपी को यह चेतावनी तक दे डाली कि अगर उनके विधायक तोड़ने की कोशिश की गई तो वह बीजेपी के दोगुने विधायक तोड़ लेंगे।

‘बीजेपी ने पेश किए 100 करोड़, मंत्रीपद’

गौरतलब है कि जेडी (एस) के विधायकों की बैठक में कुमारस्वामी को नेता चुना गया था। बैठक के बाद उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी पर उनके विधायकों को 100 करोड़ रुपये और मंत्रिमंडल में जगह का लालच देने का आरोप लगाया। उन्होंने सवाल किया कि बीजेपी के पास इतने पैसे कहां से आए और क्या यह काला धन है। उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि लोगों से किए गए 15,00,000 रुपये देने के वादे को निभाने के लिए सरकार के पैसे नहीं हैं लेकिन विधायकों को खरीदने के लिए हैं।

खरीदने की कोशिश पर दोगुने विधायक तोड़ने की चेतावनी

बीजेपी द्वारा जेडी (एस) विधायकों को खरीदे जाने की बात खारिज करते हुए कहा कि ‘ऑपरेशन कमल’ सफल होना तो दूर, बीजेपी के की विधायक जेडी (एस) के समर्थन में हैं। उन्होंने बीजेपी को चुनौती तक दे डाली कि अगर उनके 10 विधायक तोड़ने की कोशिश की गई तो वह बीजेपी के 20 विधायक तोड़ लेंगे। उन्होंने राज्यपाल से भी हॉर्स-ट्रेडिंग न हो, यह ध्यान में रखते हुए फैसला लेने की बात कही। साथ ही, कर्नाटक बीजेपी इन-चार्ज प्रकाश जावड़ेकर से मिलने की बात से इनकार करते हुए उन्होंने उल्टा सवाल कर दिया कि कौन हैं प्रकाश जावड़ेकर।

‘हमें नहीं जल्दी, कर लेंगे इंतजार’

कुमारस्वामी ने बताया कि वह 1:30 बजे राज्यपाल से मिलेंगे। जब उनसे यह सवाल किया गया कि वह राज्यपाल से क्या बात करेंगे तो उन्होंने कहा कि गुजारिश करेंगे कि उन्हें बहुमत साबित करने का मौका दिया जाए। उन्होंने कहा कि अगर राज्यपाल उनकी बात नहीं मानते तो वह एक हफ्ता इंतजार कर लेंगे, उन्हें कोई जल्दी नहीं है। उन्होंने बीजेपी पर केंद्र में आने के बाद संस्थानों की कार्यवाही में दखल देने का आरोप लगाया।

‘मिटाना है पिता के करियर पर लगा काला दाग’

उन्होंने बताया कि उन्हें दोनों और से प्रस्ताव आए थे लेकिन उन्होंने कांग्रेस के साथ जाने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि उनके पिता और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के करियर पर उनके कारण एक काला धब्बा तब लगा जब 2004 और 2005 में उन्होंने बीजेपी के साथ जाने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि भगवान ने उन्हें यह धब्बा मिटाने का मौका दिया, इसलिए वह कांग्रेस का साथ दे रहे हैं।

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‘बिना बहुमत सीएम बनने का दुख’

उन्होंने कहा कि राज्य को धर्मनिर्पेक्ष सरकार मिलनी चाहिए, इसीलिए उन्होंने कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है और पार्टी सरकार बनाने कि लिए राज्यपाल पर दबाव डाल रही है। उन्होंने कहा कि उन्हें दुख है कि बिना बहुमत के वह सीएम बनेंगे लेकिन कर्नाटक के लोगों के लिए उन्हें यह करना पड़ रहा है।

‘बीजेपी को नहीं हमें गलत कहने का हक’

उन्होंने दूसरे राज्यों का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां भी बीजेपी ने चुनाव के बाद गठबंधन कर सरकार बनाई है, इसलिए उसे कांग्रेस और जेड (एस) के गठबंधन को गलत ठहराने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों में कांग्रेस को सबसे अधिक वोट मिलने के बावजूद बीजेपी सरकार बना ले गई थी।

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