जानें इस देश में लोग क्यों पीते है गाय का खून …?
हमारे देश के लिए कहावत कही जाती है ”कोस कोस पर बदले पानी और चार कोस पर वाणी” अर्थात् हमारे देश भारत में हर एक कोस की दुरी पर पानी का स्वाद बदल जाता है और 4 कोस पर भाषा यानि वाणी भी बदल जाती है। ऐसे ही विश्व में एक देश ऐसा है जहां लोग है जो गाय का दूध पीते है। ऐसे हैरान कर देने वाले लोग अफ्रीका एक हिस्से में पाए जाते है। इन्हे पूरी दुनिया मसाई जनजाति के नाम से जानती है। यह जनजाति आम लोगों से बिल्कुल अलग है, लेकिन फिर भी अलग दिखते है। इन्हें आप दूर से ही देख कर पहचान सकते हैं।
दरअसल, मसाई जनजाति के लोग चटक लाल रंग के चटक कपड़े पहनते है, जिसके सुका कहा जाता है। ये कपड़े इनकी पहचान है, ये लोग भले ही धीरे – धीरे आधुनिक हो रहे है । लेकिन अपनी परंपराओं को लेकर ये आज भी अडिग दिखाई देते है, आइए जानते है इनके बारे में….
मसाई जनजाति के लोग क्यों पीती है गाय का खून ?
अफ्रीका के केन्या में मसाई जनजाति के लोग रहते है। इस जनजाति के लोग के इलाके में आपको ये दूर से ही अपने लाल रंग के कपड़ों में दिखाई देंगे, इसके साथ ही गाय का खून पीने की परंपरा इसी जनजाति की है और यह परंपरा आज की नही बल्कि सदियों पुरानी है। इनकी परंपरा के मुताबिक ये खून इन्हें हर तरह की बीमारियों से बचाता है और इन्हें हर तरह के नशे से दूर रखता है। खास बात ये है कि ये लोग खून पीने के लिए गाय को जान से नहीं मारते हैं, बल्कि गाय के शरीर में एक छोटा सा छेद करके ये लोग खून पीने की परंपरा को निभाते हैं।
also read : AMU के दो छात्र गुटों में भिडंत, कैंपस में चली गोलियां, तीन जख्मी….
मरे हुए लोगो के साथ करते है ये काम
अलग अलग धर्मों में लोगों के अंतिम संस्कार की अलग अलग परंपराएं हैं। हालांकि, ज्यादातर लोग अंतिम संस्कार के दौरान शव को या तो जला देते हैं या फिर दफना देते हैं। जबकि, मसाई लोग ऐसा कुछ नहीं करते। इनके परंपरा के अनुसार, शव को दफनाने से मिट्टी दूषित हो जाती है। यही वजह है कि जब इनके समुदाय में किसी की मौत होती है तो ये लोग मृत शरीर को जंगल में ऐसे ही छोड़ देते हैं ताकि जानवर उससे अपनी भूख मिटा सकें। इस परंपरा का पालन मसाई लोग सदियों से करते आए हैं और आज भी इसी परंपरा से वो अपने परिजनों का अंतिम संस्कार करते हैं।