जस्बे को सलाम… कौशांबी डीएम ने तोड़ी अफसरशाही की ये प्रथा

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अक्सर लोगों का मानना होता है कि प्राइवेट स्कूल मतलब बेहतर शिक्षा और प्राइवेट अस्पताल मतलब बेहतर इलाज। देखा भी जाता है कि अगर किसी भी अधिकारी या अफसरों की हल्की सी भी तबियत खराब हुई नहीं कि पहुंच गए प्राइवेट अस्पताल। मानों प्राइवेट अस्पताल में गैरंटी ली जा रही हो बेहतर इलाज की… लोग सरकारी अस्पतालों की उपेक्षा कर निजी अस्पतालों की तरफ भागते हैं।

DM manish verma

कौशाम्बी के डीएम ने तोड़कर मिसाल कायम की

सरकारी बाबूओं की चली आ रही इस प्रथा को कौशाम्बी के डीएम ने तोड़कर मिसाल कायम की है। दरअसल कौशाम्बी के डीएम मनीष वर्मा ने अपनी गर्भवती पत्नी अंकिता राज का इलाज जिला अस्पताल में करा कर एक संदेश दिया है। जिला अस्पताल में न सिर्फ उनका अच्छे से इलाज हो रहा है बल्कि सकुशल एक बेटी को जन्म दिया है।

ताकि उन्हे सरकारी से बेहतर इलाज दिया जा सके

अक्सर बड़े अधिकारी या आईएएस अफसर से हम ये उम्मीद करते है कि उनके परिवार को ऐसी स्थिती में निजी अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा। ताकि उन्हे सरकारी से बेहतर इलाज दिया जा सके। निजी अस्पतालों में उन्हें वीआईपी उपचार दिया जाए।

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ऐसी सोच को नकारते हुए डीएम ने समाज में एक मिसाल कायम की है। डीएम मनीष वर्मा ने अपनी पत्नी अंकिता को कौशांबी के जिला अस्पताल में भर्ती कराया और आज रविवार को सुबह ही उन्होंने बेटी को जन्म दिया। मां और बेटी दोनों ही स्वस्थ हैं। जिलाधिकारी मनीष वर्मा ने अफसरों से लेकर समाज को ये संदेश दिया है कि वे भी अपने परिजनों को निजी अस्पतालों में न लेजाकर बल्कि सरकारी अस्पतालों में ले जाए।

बल्कि आंगनबाड़ी स्कूल में दाखिला कराया है

ऐसी ही एक मामला हाल ही में उत्तराखंड में भी देखने को मिला था। उत्तराखंड के आईएएस नितिन भदौरिया और उनकी पत्नी स्वाती भदौरिया ने भी मिसाल पेश की है। यहां उन्होंने अपने बेटे को पढ़ने के लिए किसी निजी स्कूल में नहीं बल्कि आंगनबाड़ी स्कूल में दाखिला कराया है। स्वाती उत्ततराखंड के चमोली की डीएम है तो वहीं उनके पति नितिन अल्मोड़ा के जिलाधिकारी है। दोनों ने अपने दो साल के बेटे अभ्युदय को पढ़ने के लिए आंगनबाड़ी भेजा।

आपको बता दे कि कोर्ट ने आदेश भी दिया था कि सभी सरकारी अफसर और विधायक अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में दाखिला कराएं। इन आदेशों को किसी ने भी गंभीरता से नहीं लिया तो वहीं डीएम ने अपने बच्चे को आंगनबाड़ी में दाखिला कराकर मिसाल पेश किया है।

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