काशी-तमिल संगमम: तमिल हस्तशिल्पियों का जत्था आधी रात को पहुंचेगा काशी, भव्य स्वागत की तैयारी में जुटा रेलवे
महादेव की नगरी काशी में ‘काशी-तमिल संगमम’ का आयोजन शुरू हो गया है. बीते शनिवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया था. काशी-तमिल संगमम कार्यक्रम 17 नवंबर से 16 दिसंबर तक चलेगा. इसी बीच यहां शामिल होने के लिए तमिलनाडु से अतिथियों के आने का दौर जारी है. जिसमें कि एर्णाकुलम से हस्तशिल्पियों का जत्था 21-22 नवंबर की रात 01:45 बजे कैंट रेलवे स्टेशन पर पहुंचेेगा. इनके स्वागत के लिए रेलवे ने तैयारियां भी कर ली है. बता दें काशी-तमिल संगमम में शामिल होने के लिए 216 हस्तशिल्पियों का दल तमिलनाडु से रवाना हो चुका है.
एक माह तक चलने वाले काशी-तमिल संगमम में तमिलनाडु से ट्रेन से 12 ग्रुप में 2,592 मेहमान आ रहे हैं. पहले ग्रुप में छात्रों को शामिल गया था, जो कार्यक्रम में शामिल होने के बाद सोमवार को प्रयागराज चले गए. जहां से वो अयोध्या के लिए रवाना होंगे. फिर 22 नवंबर की सुबह वाराणसी आएंगे और रामेश्वरम के लिए रवाना हो जाएंगे.
वहीं, 23 नवंबर को साहित्यकार, 26 नवंबर को आध्यात्म जगत से जुड़े मेहमान आएंगे. जबकि 30 नवंबर को व्यवसायी और उद्यमी कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचेंगे. उधर, शिक्षा क्षेत्र से जुड़े मेहमान 2 दिसंबर, हेरिटेज से जुड़े मेहमान 4 दिसंबर और नव उद्यमियों का दल 7 दिसंबर को पहुंचेगा. जबकि प्रोफेशनल्स का दल 8 दिसंबर, मंदिर के पुजारियों, महंतों और अर्चकों का दल 10 दिसंबर, ग्रामीण-कृषकों का दल 13 दिसंबर को और संस्कृतिकर्मियों का दल 15 दिसंबर को वाराणसी आएगा.
बता दें बीएचयू एंफीथिएटर मैदान में पहुंचे काशीवासियों के दिल को तमिल संस्कृति और वहां के परिधान भा गए. संगमम में सुबह से लेकर शाम तक लोगों की भीड़ उमड़ी रही है. काशी व तमिलनाडु के सांस्कृतिक, कलात्मक आदान-प्रदान के लिए शुरू हुए काशी तमिल संगमम में लगी प्रदर्शनी देखने पहुंच रहे हैं. तमिलनाडु से आए उद्यमियों के चेहरे पर भी उत्साह है. उनके उम्मीद के हिसाब के हो रही बिक्री से वो काफी खुश हैं.
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