मेरठ में हुए सौरभ राजपूत हत्याकांड ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. इस घटना के बाद न केवल आम लोग बल्कि व्यापारी भी डरे हुए हैं. दरअसल, सौरभ की पत्नी मुस्कान रस्तोगी ने उसकी हत्या कर शव को एक नीले रंग के ड्रम में भरकर सीमेंट से सील कर दिया था. हत्या का यह तरीका इतना अजीब था कि अब नीले रंग का ड्रम शक और दहशत का प्रतीक बन गया है.
ड्रम खरीदने वालों पर कड़ी नजर
इस हत्याकांड के बाद खासकर मेरठ के व्यापारियों ने नीले ड्रम को बेचने के नया नियम ही बना दिया है. अब दुकानदार नीले रंग ड्रम को खरीदने आने वालों से पहचान पत्र (आधार कार्ड) दिखाने की मांग कर रहे हैं. कुछ दुकानदार तो ग्राहकों से यह भी पूछताछ कर रहे हैं कि उन्हें ड्रम की जरूरत क्यों है.
राजन शाह नामक व्यापारी के मुताबिक, “पहले यह ड्रम रोजमर्रा की चीज थी, लेकिन अब हर ग्राहक को लेकर शंका होती है जो इस ड्रेम को खरीदने आते हैं. हम ग्राहकों की पहचान पत्र देखकर ही इसे बेच रहे हैं.”
इस घटना के बाद न केवल मेरठ बल्कि अन्य इलाकों में भी दुकानदारों ने नीले ड्रम की बिक्री को लेकर सतर्कता बढ़ा दी है.
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सोशल मीडिया पर मीम्स और मज़ाक
दूसरी ओर यह मामला सामने आते ही सोशल मीडिया पर नीले ड्रम को लेकर मीम्स और जोक्स की बाढ़ आ गई. कई लोग जहां इसे हास्य का विषय बना रहे हैं, तो वहीं कुछ इसे असंवेदनशील करार दे रहे हैं.
यह एक गंभीर अपराध है. एक शख्स की जान गई है, इस पर मीम्स बनाना दुखद है.
हालांकि, कुछ लोग इसे सिर्फ एक मज़ाक मानकर देख रहे हैं, लेकिन पीड़ित परिवार और स्थानीय नागरिकों के लिए यह किसी दुखद त्रासदी से कम नहीं.
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व्यापारी और स्थानीय लोग
इस पूरे मामले ने मेरठ के व्यापारियों को खासा प्रभावित किया है. ड्रम विक्रेता अब नुकसान झेल रहे हैं, क्योंकि लोग इसे खरीदने से डरने लगे हैं. वहीं, स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि ऐसे संवेदनशील मामलों पर सोशल मीडिया पर सख्ती बरती जाए और पीड़ित परिवार के प्रति संवेदनशीलता रखी जाए.
मेरठ का यह हत्याकांड सिर्फ एक अपराध नहीं, बल्कि सामाजिक संवेदनशीलता, डर और अविश्वास का एक नया उदाहरण बन गया है.