लोकसभा चुनाव लड़ सकते है कन्हैया!, कैसे आये चर्चा में…

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कन्हैया कुमार बैगुसराय की सीट से 2019 का लोक सभा चुनाव में अपनी किस्मत अजमा सकते है। जेएनयू छात्र संगठन के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार भाकपा यानि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने कन्हैया को लोकसभा चुनाव लड़वाने का मन बना लिया है।

कई इलाकों का दौरा भी किया था

पार्टी के राज्य सचिव सत्यनारायण सिंह ने मीडिया में कहा कि पार्टी कन्हैया को अगले लोकसभा चुनाव में बेगूसराय सहित बिहार के किसी भी संसदीय क्षेत्र से उम्मीदवार बनाने पर विचार कर रही है। सिंह ने कहा कि कन्हैया इसके लिए तैयार हैं। उल्लेखनीय है कि कन्हैया बेगूसराय जिले के बरौनी प्रखंड के बीहट पंचायत के रहने वाले हैं। सत्यनारायण ने बताया कि कन्हैया हाल ही में बेगूसराय आए हुए थे और उन्होंने वहां के कई इलाकों का दौरा भी किया था।

कौन हैं कन्हैया

कन्हैया कुमार का जन्म बिहार के बैगुसराय जिले के एक गांव में हुआ। यह गांव तेघरा विधानसभा क्षेत्र में आता है जहां सीपीआई को काफी समर्थन दिया जाता है। कन्हैया कुमार के पिता, जयशंकर सिंह, को पैरालिसिस है और वे काफी सालों से बिस्तर पर ही रहते हैं। कन्हैया कुमार की माता, मीना देवी, एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हैं। वहीं उनके बड़े भाई प्राइवेट सेक्टर में काम करते हैं। कन्हैया की पढ़ाई बरौनी के आरकेसी हाई स्कूल में हुई। यह इलाका इंडस्ट्री से भरा हुआ है।

कन्हैया अभिनय में रूचि रखते थे…

अपने स्कूल दिनों में, कन्हैया अभिनय में रूचि रखते थे और इंडियन पीपल्स थियेटर एसोसिएशन के सक्रिय सदस्य थे। 2002 में कन्हैया ने पटना के कॉलेज ऑफ कॉमर्स में दाखिला लिया, जहां से उनके छात्र राजनीति की शुरुआत हुई। कन्हैया भूगोल में ग्रेजुएट हैं और फिलहाल पीएचडी कर रहे हैं। पटना में अध्ययन के दौरान, कन्हैया ऑल इंडिया स्टूडेंट फेडरेशन के सदस्य बने।

कन्हैया कुमार के दोस्त और अन्य लोग उन्हें बेहतरीन वक्ता कहते हैं

पटना में पोस्ट ग्रेजूएशन खत्म करने के बाद, कन्हैया ने जेएनयू (दिल्ली) में अफ्रीकन स्टडीज के लिए पीएचडी के लिए एडमिशन ले लिया। 2015 में, कन्हैया कुमार ऑल इंडिया स्टूडेंट फेडरेशन के ऐसे पहले सदस्य बने जो जेएनयू में छात्र संघ के अध्यक्ष पद के लिए चुने गए। उन्होंने इस पद के लिए एआईएसए, एबीवीपी, एसएफआई और एनएसयूआई के सदस्यों को हराया। कन्हैया कुमार के दोस्त और अन्य लोग उन्हें बेहतरीन वक्ता कहते हैं। उनके चुनाव के एक दिन पहले दी गई उनकी स्पीच उनके चुनाव जीतने का कारण मानी जाती है।

कैसे चर्चा में आये कन्हैया कुमार

फरवरी 2016 में जेएनयू में एक कश्मीरी अलगाववादी, 2001 में भारतीय संसद पर हमले के दोषी, मोहम्मद अफजल गुरु को फांसी के खिलाफ एक छात्र रैली में राष्‍ट्रविरोधी नारे लगाने के आरोप में देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया था।

देशद्रोह का मुकादमा चल रहा है

उन्हे दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था। कन्हैया को 2 मार्च 2016 में अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया गया था, क्योंकि राष्ट्र विरोधी नारों में भाग लेने का पुलिस द्वारा कन्हैया का कोई सबूत प्रस्तुत नहीं किया गया। इसके इलावा जेएनयू के कुलपति द्वारा गठित एक अनुशासन समिति भी विवादास्पद घटना की जांच कर रही है। प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के आधार पर, कन्हैया कुमार और सात अन्य छात्रों को अकादमिक तौर पर वंचित कर दिया गया। विश्व के सबसे बडे छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने कन्हैया कुमार का विरोध किया था। उनके उपर देशद्रोह का मुकादमा चल रहा है।

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