उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में दिनदहाड़े हुई कमलेश तिवारी की हत्या के मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है। हत्या में मददगार कामरान ने यूपी पुलिस को भ्रमित करने के लिए मुख्य आरोपी अशफाक का मोबाइल ट्रेन में रखा था।
कामरान ने रची थी साजिश-
अशफाक का मोबाइल अंबाला में ऑन हुआ था।
इस कारण पुलिस को यह भ्रम हुआ कि दोनों हत्यारे पंजाब पहुंच गए हैं।
बता दें कि बरेली से गिरफ्तार कामरान ने कमलेश तिवारी हत्याकांड के मुख्य आरोपी अशफाक हुसैन और पठान मोईनुद्दीन की नेपाल पहुंचने में मदद की थी।
मददगारों की लगातार गिरफ्तारी-
बता दें कि कामरान दिल्ली हाईकोर्ट के वकील नावेद का बेहद करीबी है।
कामरान और नावेद ने ही अपनी कार से दोनों हत्यारों को नेपाल पहुंचाया था।
दिल्ली हाईकोर्ट के वकील नावेद के 2 साथियों रईस और आसिफ को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
रईस और आसिफ ने दोनों हत्यारों को शाहजहांपुर में मदद पहुंचाई थी।
कमलेश तिवारी के हत्यारों के सबसे बड़े मददगार वकील का तीसरा साथी भी गिरफ्तार कर लिया गया है।
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