जिग्नेश का आह्वान, RSS-BJP के खिलाफ एकजुट हों पार्टियां

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गुजरात के वडगाम से निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी ने भाजपा और आरएसएस पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले सभी गैर भाजपाई पार्टियों से एकजुट होने का आग्रह किया है। सोमवार (29 जनवरी, 2018) को दिवंगत पत्रकार गौरी लंकेश की जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, ‘राज्य में चड्ढीधारियों को हराने के लिए मुख्य राजनीतिक पार्टियों एकजुट हों। लोकतंत्र की रक्षा के लिए हम अपनी वैचारिक शुद्धता में नहीं फंस सकते।

दलितों से कहेंगे कि भाजपा को अपना वोट ना दें

हमें इन ताकतों को हराने के लिए अन्य समान विचारधारा वाले समूहों के साथ आना होगा’ अपने संबोधन में मेवानी ने आगे कहा कि अप्रैल में दो सप्ताह के लिए वह कर्नाटक में रहेंगे और सूबे के बीस फीसदी दलितों से कहेंगे कि भाजपा को अपना वोट ना दें। बता दें कि गोरी लंकेश की जयंती में जिग्नेश मेवानी के साथ लंकेश की फिल्मकार बहन कविता लंकेश, मशहूर एक्टर प्रकाश राज, इरोम शर्मिला, कर्नाटक के फ्रीडम फाइटर एचएस डेरोस्वामी और तीस्ता सीतलवाड़ पहुंची थीं।

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इस दौरान एक्टर प्रकाश राज ने भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, ‘मैं गौरी को जानता हूं और इसलिए उनके लिए आवाज उठाने के लिए यहां हूं। क्योंकि वो मुझसे सवाल करेंगी कि मैंने उनके लिए आवाज क्यों नहीं उठाई।’ वहीं एचएस डेरोस्वामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कर्नाटक में कब्जा नहीं करने दिया जाएगा। कर्नाटक में भाजपा सरकार आ गई तो पूरा देश उनके हाथ में आ जाएगा। कर्नाटक चुनाव हमारा ‘लिटमस टेस्ट’ है।वहीं गौरी लंकेश के भाई इंद्रजीत ने कहा कि वह बहन की हत्या के मामले में हाई कोर्ट जाएंगे और हत्या के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग करेंगे।

आलोचना में कम से कम आठ लेख प्रकाशित किए थे

उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि राजनीतिक कारण से हत्या की जांच एक तरफा हो रही है।बता दें कि पिछले साल पांच सितंबर को रात करीब आठ बजे कुछ लोगों ने पत्रकार गौरी लंकेश की उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी थी। हत्या से पहले उन्होंने अपनी कन्नड़ साप्ताहिक पत्रिका में केंद्र सरकार और उसके नेताओं की आलोचना में कम से कम आठ लेख प्रकाशित किए थे। लंकेश ने अपने आखिरी साप्ताहिक स्तम्भ में गोरखपुर के बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में बच्चों की मौत और डॉक्टर कफील खान को हटाए जाने के खिलाफ लिखा था।

जनसत्ता

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